केंद्र सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन का खामियाजा बिहार को लक्ष्य के अनुरूप राजस्व संग्रह में विफल रहने पर केंद्र ने करों में बिहार की हिस्सेदारी में 3000 करोड़ की कटौती की है. इतना ही नहीं, केंद्र ने सुखाड़ से निबटने के लिए अब तक न 12500 करोड़ की मदद दी और न ही एनएच की मरम्मत के 969 करोड़ लौटाये हैं. पटना : केंद्र में लक्ष्य से कम राजस्व संग्रह का असर बिहार...
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जिलों में सुखाड़ का जायजा लेने तीन को आयेगी केंद्रीय टीम
पटना: राज्य में सुखाड़ की स्थिति का जायजा लेने केंद्रीय टीम तीन अक्तूबर को बिहार आयेगी. सूखाग्रस्त जिलों में दौरा कर जांच रिपोर्ट केंद्र सरकार को दी जायेगी. इसके आधार पर ही सूखा पीड़ितों को कृषि सहित विभिन्न मंत्रालयों से सहायता मिलेगी. राज्य सरकार ने सूखे से निबटने के लिए केंद्र सरकार से प्रारंभिक आकलन के तहत 11952 करोड़ की राशि की मांग की थी. संशोधन के बाद अब 11967 करोड़ मांग की जायेगी....
More »सुखाड़ की घोषणा से किसानों को लाभ नहीं
पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि बिहार में सुखाड़ की स्थिति काफी गंभीर है. सरकार को एक माह पहले ही सुखाड़ घोषित करना चाहिए था. अब इससे किसानों को कोई खास फायदा नहीं होनेवाला है. वह केंद्र से सुखाड़ की स्थिति से निबटने के लिए विशेष पैकेज देने की मांग करेंगे. जल्द ही केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम से इस मसले पर बात...
More »बिहार में अल्पवर्षा, 33 जिले सूखाग्रस्त घोषित
पटना : बिहार राज्य मंत्रिपरिषद ने इस वर्ष अनियमित और कम वर्षा के मद्देनजर प्रदेश के कुल 38 जिलों में से 33 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित किये जाने को आज मंजूरी प्रदान कर दी. पटना के 1-अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर आज सुबह हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद पत्रकारों को संयुक्त रुप से संबोधित करते हुए मंत्रिमंडल सचिवालय समन्वय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा और आपदा प्रबंधन...
More »जलवायु संकट के बादल- अतुल कुमार सिंह
जनसत्ता 26 अक्टुबर, 2012: भारत समेत दुनिया के सामने दो सबसे अहम समस्याएं भुखमरी और जलवायु संकट हैं। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जिनसे न केवल मानवता के भविष्य बल्कि पूरे जीव-जगत और अंतत: दुनिया के अस्तित्व का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विश्व भर में इन मुद्दों पर खासी चर्चा और चिंताएं भी हैं। लेकिन इनसे निपटने के लिए जो उपाय सामने आ रहे हैं उनमें न तो मुकम्मलपन दिखता है और...
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