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मोदी सरकार की खराब नीतियों और बुरे फैसलों की वजह से किसान बदहाल

भारत के किसान कुछ राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के तीखे विरोध ने मोदी सरकार को इस विनाशकारी कदम से पीछे हटने को मजबूर कर दिया है. पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए आरसीईपी किसी बुरे विचार जैसा था और खेती-किसानी जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए यह बर्बादी का वारंट था. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की लीक हुई रिपोर्ट के मुताबिक बीते...

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खुद की अदालत में मीडिया-- मृणाल पांडे

हमारे साहित्य या मीडिया में खुद अपने भीतरी जीवन की सच्चाई जिक्री तौर से ज्यादा, फिक्री तौर से कम आती है. मसलन दर्शक-पाठक भली तरह जान चुके हैं कि मीडिया के भीतर कैसी मानवीय व्यवस्थाएं हैं, खबरें कैसे जमा या ब्रेक होती हैं. पत्रकारों के बीच एक्सक्लूसिव खबर देने के लिए कैसी तगड़ी स्पर्धा होती है. लेकिन, पिछले दो दशकों में उपन्यासों, कहानियों या मीडिया पर लिखे जानेवाले काॅलमों में...

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फसल बीमा से प्राइवेट कंपनियों ने कमाए करीब 3000 करोड़, सरकारी कंपनियों को घाटा: रिपोर्ट

नई दिल्ली: 11 निजी बीमा कंपनियां मार्च 2018 के लिए फसल बीमा व्यवसाय से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा दर्ज करने के लिए तैयार हैं, जबकि सरकारी बीमा कंपनियों को 4,085 करोड़ रुपये के नुकसान का नुकसान हुआ है. इस दौरान बाढ़, भूकंप या बारिश की कमी से फसल के नुकसान के लिए किसानों द्वारा किए गए दावों की तुलना में सरकार द्वारा निजी बीमा कंपनियों ने भारी मात्रा...

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किसान को 19 टन आलू बेचने पर मुनाफा सिर्फ 490 रुपये, पीएम को किया मनीआर्डर

आलू (Potato Farmer) उगाने में तन-मन-धन लगाया। इसकी बिक्री करने के बाद जो नतीजा निकला, उसे देख किसान के होश ही उड़ गए। 368 पैकेट की बिक्री पर खर्चा काटने के बाद प्राप्ति महज 490 रुपये हुई। यदि इसका हिसाब बनाया जाए तो किसान को प्रति 50 किलो के पैकेट पर 1.33 रुपये ही मिले। उसकी लागत 500 रुपये के आसपास आई थी। किसान ने इस लेन-देन के बाद हाथ...

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फायदे और नुकसान का गोरखधंधा-- आशुतोष चतुर्वेदी

हम भारतीयों की एक दिक्कत है कि हम अपने सदियों पुराने ज्ञान पर भरोसा करने के बजाय पश्चिम के लोगों की बातों पर अधिक यकीन करते हैं. पश्चिम ने फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल शुरू किया, तो हमने अपनी जैविक खाद का तिरस्कार कर उसे अपना लिया. जल्द ही पश्चिमी देशों को रासायनिक उर्वरकों के इस्तेमाल से सेहत पर खतरा नजर आने लगा. इनके अंधाधुंध...

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