-कारवां, 25 सितंबर को भारतीय निर्वाचन आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव 28 अक्टूबर से 7 नवंबर के बीच तीन चरणों में कराए जाने की घोषणा की. इससे पहले आयोग ने कोविड-19 महामारी में चुनाव करवाने के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए थे और बिहार के लिए कुछ खास सिफारिशें की थीं. ये सिफारिशें फिजिकल प्रचार अभियान को बहुत हद तक प्रतिबंधित करती हैं. इन नियमों के बाद बिहार में राजनीतिक दल...
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क्या देश को राज्यपालों की जरूरत है?
-सत्याग्रह, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ एक बार फिर सुर्खियों में हैं. वजह वही पुरानी है. यानी ममता बनर्जी सरकार से उनकी नाराजगी. जगदीप धनखड़ का कहना है. ‘अगर संविधान की रक्षा नहीं हुई तो मुझे कार्रवाई करनी पड़ेगी. राज्यपाल के पद की लंबे समय से अनदेखी की जा रही है. मुझे संविधान के अनुच्छेद 154 पर विचार करने को बाध्य होना पड़ेगा.’ यह अनुच्छेद कहता है कि राज्य की...
More »सिकुड़ता जा रहा है एनडीए
-इंडिया टूडे, मोदी-2 मंत्रिमंडल से अकाली दल नेता हरसिमर कौर ने इस्तीफा दे दिया है. अकाली दल, एनडीए गठबंधन छोड़ने की कगार पर है, वहीं शिवसेना इसे छोड़ चुका है और जद (यू) के साथ भाजपा के रिश्तों में तनातनी चल रही है. ये तीनों ही दल भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी रहे हैं. इनके अलावा पिछले छह साल में एक दर्जन से ज्यादा दल एनडीए का साथ छोड़ चुके हैं. 2014...
More »2020 में हम भारतीयों को 1920 के इटली को जानने की जरूरत क्यों है?
-सत्याग्रह, मैं जीवनियां खूब पढ़ता हूं. इनमें बहुत सी विदेशी हस्तियों की होती हैं जो उनके देश, काल और परिस्थितियों के बारे में बताती हैं. हाल ही में मैंने कनाडाई विद्वान फाबियो फर्नांडो रिजी की किताब ‘बेनेडेट्टो क्रोसे एंड इटैलियन फासिज्म’ खत्म की है. इस किताब में एक महान दार्शनिक की जीवनी के सहारे उस दौर की एक बड़ी सच्चाई बताई गई है. रिजी की किताब पढ़ने के बाद मुझे 1920 के...
More »किसान लामबंदी (1920 – 2020)
-लोकवाणी, “ एक वह हैं जो अपनी ही सूरत को लेते हैं बिगाड़, एक वह है जिसे तस्वीर बनानी आती है ” आज देश में जगह जगह किसान सरकार की नीतियों से नाराज होकर सड़कों पर रोषप्रकट कर रहें हैं. किसान की उपज की लूट चल रही है, किसान कर्ज में डूबते जा रहें हैं, जिस कारण किसान की ख़ुदकुशी के केस बढ़ते जा रहें हैं, सरकार किसान हितैषी होने का दम भरती...
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