मछली खाने पर आपको क्या मिलता है? केमिकल! इंसानी मल! प्लास्टिक! सबसे पहले बात करते हैं प्लास्टिक की। ब्रिटेन के प्लाइमाउथ विश्वविद्यालय के मरीन पॉल्यूशन बोर्ड ने हाल ही में एक अध्ययन में पाया कि इंग्लैंड के तट पर पाई जाने वाली एक तिहाई मछलियों के पेट में प्लास्टिक है। उत्तर सागर, अटलांटिक महासागर और ब्रिटेन के आसपास के पानी में बड़ी मात्रा में प्लास्टिक मछलियों के पेट में जा...
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आपदा का खोखला प्रबंधन!
उत्तराखंड में प्रकृति की विनाशलीला शायद कम हो सकती थी, अगर समय रहते इससे निबटने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिये गये होते. लेकिन सीएजी की रिपोर्टो और नागरिक समाज द्वारा दी जानेवाली चेतावनियों के बावजूद भी सरकार नहीं चेती. कैसे काम करता है हमारा आपदा प्रबंधन तंत्र, आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने में क्यों चूक जाते हैं हम, बता रहा है नॉलेज.. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमलोग...
More »हवा में अटका ‘जहर’ हजारों लोग बीमार
बंगाल की खाड़ी में आए चक्रवाती तूफान ने दिल्ली-एनसीआर की जान मुश्किल में डाल दी है। पहले ही भयानक प्रदूषण से जूझ रहा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र अब ऐसे मौसमी संक्रमण की चपेट में आया है कि हजारों लोग बीमार हो गए हैं। पिछले तीन दिन से यहां वातावरण में धुंध और धुएं जैसी ऐसी परत छाई हुई है कि लोगों को सांस लेना दूभर हो रहा है। आंखों में चुभन, ब्रान्काटिस,...
More »खबर पढ़ने के बाद इन युवाओं की खोज को सलाम करेंगे आप!
रायपुर/महासमुंद। मौसम विभाग की भविष्यवाणी के लिए अब किसानों को इंतजार करने की आवश्यकता नहीं है। किसानों को फसल लेने के लिए मौसम की जानकारी उनके घर और खेतों में सहज ढंग से ही उपलब्ध हो जाया करेगी। गड़बेडा स्थित बाल वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के बच्चों ने किसान हितैषी इस हाईटेक मेजर सिस्टम का निर्माण किया है। खरीफ के साथ ही साथ अब किसानों को रबी की फसल के लिए भी मौसम पर निर्भर...
More »डरबन से आगे की डगर- सुनील यादव
दक्षिण अफ्रीका के डरबन शहर में आयोजित संयुक्त राष्ट्र के जलवायु परिवर्तन सम्मेलन से लौटने के बाद अब विभिन्न देशों ने ‘क्या खोया- क्या पाया’ का आकलन शुरू कर दिया है। ऐसे में हम पाते हैं कि पर्यावरणीय चिंता के वैश्विक सवाल पर यूरोपीय संघ जहां विजेता की मुद्रा में है, वहीं हमारा देश ‘अड़ियल’ का खिताब लेकर लौटा है। संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन समझौते के अंतर्गत 1992 में ब्राजील के रियो...
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