डाउन टू अर्थ, 26 मार्च एक अध्ययन के मुताबिक, पीटलेंड के दलदल भूरे, गीले होते हैं, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मुकाबले में यह एक महाशक्ति बन गए हैं। हजारों वर्षों से, दुनिया के पीटलैंड ने भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित और जमा किया है, इस ग्रीनहाउस गैस को हवा में नहीं बल्कि जमीन में रखा है। हालांकि पीटलैंड धरती पर केवल तीन फीसदी भूमि पर कब्जा किए हुए हैं, वे...
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ग्रामीण भारत में बढ़ता प्लास्टिक ज्यादा बड़ी चुनौती
डाउन टू अर्थ, 29 नवम्बर कलड़वास राजस्थान के उन कुछ गांवों में से एक है, जहां घर-घर जाकर सभी 710 घरों से कूड़ा इकट्ठा किया जाता है। इस कार्य के लिए ग्राम पंचायत ने 8,000 रुपए प्रति माह के वेतन पर दो पूर्णकालिक कूड़ा उठाने वाले लोगों को नियुक्त किया है। पंचायत ने हाल ही में जिला प्रशासन के सामने कूड़े को रिसाइकल करने वाली मशीनों को लगाने के लिए एक वित्तीय...
More »ये 'अल–नीनो' क्या बला है?
एक अनुमान की माने तो वर्ष 2023 अल–नीनो की आगोश में आ जाएगा।अल–नीनो का संयोग भारत के लिए अशुभ माना जाता है।क्योंकि अल–नीनो के कारण कई बार बारिश की मात्रा में गिरावट आ जाती है; हिंदुस्तान के करोड़ों लोगों की उम्मीदों पर अल–नीनो तुषारापात करता है। ऐसे में यह जानना ज़रूरी है कि अल–नीनो नाम की बला है क्या? आज का लेख उसी के नाम! अल–नीनो का प्रभाव मानसून और महासागर की...
More »मौसम विभाग की रिपोर्ट ; पांचवां सबसे गर्म साल रहा 2022
भारत में मौसमी घटनाओं के कारण वर्ष 2022 में 2,227 लोगों की जाने चली गई। सबसे अधिक मौतें बिहार राज्य (418) से हुई हैं। उसके बाद असम से 257, उत्तर प्रदेश से 201, ओडिशा से 194 और महाराष्ट्र के 194 लोगों की जीवन लीला मौसमी कारकों के कारण समाप्त हो गई। मौसम विभाग की रपट के अनुसार; इसके पीछे की वजहों को देखें तो सबसे बड़ा कारक आकाशीय बिजली और आंधी–तूफान है।...
More »वैश्विक स्तर पर हर साल झीलों से उत्सर्जित हो रही है 4.2 करोड़ टन मीथेन : रिसर्च
डाउन टू अर्थ, 08 अगस्त क्या आप जानते हैं कि दुनिया भर में झीलें हर साल कितनी मीथेन वातावरण में छोड़ रही हैं, यदि नहीं तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वैज्ञानिकों का अनुमान है कि हर साल यह झीलें करीब 4.2 करोड़ टन मीथेन वातावरण में उत्सर्जित कर रही हैं। गौरतलब है कि दुनिया भर में करीब 28 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में झीलें हैं जोकि आकार में...
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