इस साल अच्छी मानसूनी बारिश से जहां किसानों के चेहरे खिल उठे हैं वहीं देश के कई हिस्से बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। इस बाढ़ की वजह अच्छी बारिश उतनी नहीं है जितनी कि विकास की अंधी दौड़ में पानी के कुदरती निकासी तंत्र को भुला दिया जाना। शहरों का विकास नदियों के बाढ़ क्षेत्रों, तालाबों व समीपवर्ती कृषि भूमि की कीमत पर हो रहा है। शहरों के...
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इस साल छह माह सबसे गरम रही पृथ्वी
नासा ने पृथ्वी पर किये अवलोकन और आंकड़ों के विश्लेषण के आधार पर दी जानकारी वाशिंगटन : नासा ने आंकड़ों के आधार पर निष्कर्ष निकाला है कि इस वर्ष के पहले छह माह में पृथ्वी सबसे अधिक गरम रही. साथ ही वर्ष 1979 में उपग्रह रिकॉर्ड की शुरुआत के बाद आर्कटिक सागर में बर्फ का स्तर सबसे कम रहा. पृथ्वी पर किये गये अवलोकन और उपग्रह के आंकड़ों के विश्लेषण के...
More »सोलर पावर प्लांट लगायें-- भरत झुनझुनवाला
सरकार द्वारा न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने के पुरजोर प्रयास किये जा रहे हैं. इस सदस्यता के हासिल होने के बाद दूसरे देशों से हमें यूरेनियम मिल सकेगा, जो परमाणु ऊर्जा का मुख्य ईंधन है. अपने देश में यूरेनियम कम ही उपलब्ध है. अतः परमाणु ऊर्जा के उत्पादन के लिए इस ग्रुप की सदस्यता अति आवश्यक है. ऊर्जा के चार प्रमुख स्रोत हैं- सोलर, न्यूक्लियर, थर्मल एवं...
More »जीवन-मरण का वैश्विक प्रश्न--- निरंकार सिंह
जब ग्लोबल वार्मिंग की चर्चा शुरू हुई थी, तब इस प्रकार के आकलन की वैज्ञानिकता पर काफी सवाल उठाए गए थे। लेकिन धीरे-धीरे वे सवाल खामोश होते गए। अब पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ने तथा इसके फलस्वरूप जलवायु संकट तीव्रतर होने की हकीकत पर मतभेद की गुंजाइश नहीं रह गई है। दुनिया भर के वैज्ञानिक अब यह अनुभव करने लगे हैं कि हम आधुनिक विकास के जिस रास्ते पर चल...
More »हरित ऊर्जा को सस्ता बनाना ही समाधान- ब्योर्न लॉम्बॉर्ग
आज दुनिया भर के तमाम नेता अब तक के सबसे खर्चीले जलवायु परिवर्तन समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इन नेताओं में शामिल होंगे। मगर सच यही है कि पेरिस समझौते की जितनी कीमत हम चुकाने वाले हैं, उसकी उपलब्धि उतनी ही कम रहने वाली है। इस समझौते में औसत वैश्विक तापमान में हो रही वृद्धि को औद्योगिक युग के पहले के स्तर से दो डिग्री...
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