द वायर, 1 फरवरी बुधवार को पेश किए गए इस साल के बजट में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए आवंटन में आश्चर्यजनक रूप से भारी कमी करते हुए इसे 60,000 करोड़ रुपये किया गया. ऐसा इस तथ्य के बावजूद है कि वित्त वर्ष 2023 के लिए संशोधित अनुमान 89,400 करोड़ रुपये था, जो 73,000 करोड़ रुपये के बजट अनुमान से अधिक था. नरेंद्र मोदी सरकार के इस...
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अध्ययन में दावा, न्यूनतम तापमान में वृद्धि से कपास और मक्का की पैदावार घटेगी
जनसत्ता, 25 जनवरी पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) के कृषि अर्थशास्त्रियों और वैज्ञानिकों के एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। देश में कुल अनाज की 12 फीसद खेती पंजाब में होती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) की मौसम पत्रिका में इस महीने की शुरुआत में प्रकाशित अध्ययन में पांच प्रमुख फसलों-धान, मक्का, कपास, गेहूं और आलू पर जलवायु परिवर्तन के असर को दिखाने के लिए 1986 से 2020 के...
More »महाराष्ट्र में खोजा गया नया पठार, प्रजातियों के अस्तित्व पर अध्ययन के लिए अहम
डाउन टू अर्थ, 24 जनवरी भारत में दुनिया भर की चार जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक पश्चिमी घाट का इलाका है। शोधकर्ताओं द्वारा महाराष्ट्र राज्य के ठाणे इलाके में खोजे गए 24 अलग-अलग प्रजातियों के पौधों और झाड़ियों की 76 प्रजातियों वाला एक दुर्लभ कम ऊंचाई वाला बेसाल्ट पठार खोज निकाला गया है। यह खोज डॉ. मंदार दातार के नेतृत्व में पुणे के अगरकर रिसर्च इंस्टीट्यूट (एआरआई) की टीम ने हाल...
More »लद्दाख: बढ़ते तापमान व ब्लैक कार्बन से पिघलते ग्लेशियर, आपदा की आशंका
मोंगाबे हिंदी, 02 जनवरी पश्चिमी हिमालय के ग्लेशियर, जम्मू, कश्मीर और लद्दाख के लिए पानी के स्रोत हैं। शोधकर्ताओं ने विभिन्न अध्ययनों में पाया है कि, ब्लैक कार्बन और ग्रीनहाउस गैसों के बढ़ने के कारण ये जल-स्रोत तेजी से पिघल रहे हैं, जिसकी वजह से बर्फ से ढके इस इलाके की सफेदी कम हो रही है। हाल के एक अध्ययन में, उपग्रह से मिले डेटा का उपयोग करके लद्दाख क्षेत्र के द्रास...
More »सफेद गैंडों के विलुप्त होने से बचाने के लिए वैज्ञानिकों ने खोजा अनोखा तरीका
डाउन टू अर्थ, 19 दिसंबर केन्या के सफेद गैंडों के विलुप्त होने से बचाने के लिए, बायोरेस्क्यू टीम गंभीर रूप से लुप्तप्राय उप-प्रजातियों के प्रयोगशाला में अंडे और शुक्राणु कोशिकाओं को विकसित करने का काम कर रही है। टीम ने इसे एक मील का पत्थर बताया है, उन्होंने स्टेम सेल से प्राइमर्डियल जर्म सेल उत्पन्न किए हैं जो दुनिया में पहली बार किया गया है। तैंतीस वर्षीय नाजिन और उनकी बेटी फातू...
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