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पीटलैंड में छिपे सूक्ष्मजीवों के खाद्य जाल को बदल रहा है जलवायु परिवर्तन

डाउन टू अर्थ, 26 मार्च एक अध्ययन के मुताबिक, पीटलेंड के दलदल भूरे, गीले होते हैं, जलवायु परिवर्तन के खिलाफ मुकाबले में यह एक महाशक्ति बन गए हैं। हजारों वर्षों से, दुनिया के पीटलैंड ने भारी मात्रा में कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित और जमा किया है, इस ग्रीनहाउस गैस को हवा में नहीं बल्कि जमीन में रखा है। हालांकि पीटलैंड धरती पर केवल तीन फीसदी भूमि पर कब्जा किए हुए हैं, वे...

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वैज्ञानिको को गंगा-यमुना में मिले माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी के सबूत, मैदानी इलाकों के लिए बन सकते हैं खतरा

मोंगाबे हिंदी, 21 मार्च भारतीय वैज्ञानिको को गंगा, यमुना में माइक्रोप्लास्टिक की मौजूदगी के सबूत मिले हैं, जो सिंधु-गंगा के मैदानी इलाकों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते है। इस बारे में डॉक्टर महुआ साहा के नेतृत्व में राष्ट्रीय समुद्र विज्ञान संस्थान (एनआइओ) और राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद से जुड़े वैज्ञानिकों के दल ने एक नया अध्ययन किया है, जिसके नतीजे जर्नल ऑफ हैजर्डस मैटेरियल्स में प्रकाशित हुए हैं। रिसर्च में शोधकर्ताओं...

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खेती-बाड़ी को किस दिशा ले जाएगी घटते खेतों की प्रवृत्ति?

कार्बन कॉपी, 27 फरवरी दरअसल दुनिया अब नए खेतों को बनता नहीं देख पाएगी। बजाय इसके खेतों का एकीकरण शुरू होगा। भारत जैसे देशों के साथ ही एशिया, अफ्रीका व उत्तरी अमेरिका के अधिकांश गरीब और विकासशील देशों के लिए यह एक ऐसा बदलाव है, जिसके बारे में हमने कभी नहीं सोचा था। और इसलिए हम इसके परिणामों के लिए तैयार नहीं थे। उदाहरण के लिए भारत में क्रियाशील कृषि जोतों की...

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नेपाल में कबूतरों के बड़े झुंड को लेकर क्यों हैरान हैं शोधकर्ता

मोंगाबे हिंदी, 27 फरवरी नेपाल में तीन शोधकर्ता, हीरूलाल डंगौरा, विक्रम तिवारी और शुभम चौधरी, दिसंबर 2022 में नेपाल के पश्चिमी मैदानी इलाकों में गिद्धों की एक कॉलोनी पर नियमित शोध कर रहे थे। उन्होंने यहां एक असाधारण दृश्य देखा: कबूतरों का एक विशाल झुंड। आसमान में फैले झुंड ने भूरे और सफेद रंग का एक गतिशील कैनवास बनाया। शोधकर्ताओं ने याद करते हुए कहा कि हवा पंखों की लयबद्ध फड़फड़ाहट...

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कोविड-19 लॉकडाउन की वजह से भारत में बढ़ गया कुपोषण, अध्ययन में खुलासा

डाउन टू अर्थ, 09 फरवरी भारत की खाद्य प्रणालियों में व्यवधान के कारण कोविड-19 महामारी के दौरान कम वजन वाले बच्चों में तेजी से वृद्धि हुई, क्योंकि लॉकडाउन ने उनकी पोषण स्थिति को गंभीर रूप से प्रभावित किया। न्यूयॉर्क स्थित कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के टाटा-कॉर्नेल इंस्टीट्यूट फॉर एग्रीकल्चर एंड न्यूट्रिशन (टीसीआई) के एक नए अध्ययन में यह बात कही गई है। शोधकर्ताओं ने भारत में लॉकडाउन समाप्त होने के 18 महीने बाद गणना...

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