जनसत्ता 25 मई, 2013: भारत में, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, स्वास्थ्य क्षेत्र संकट की स्थिति में है। गांवों के लिए विशेष स्वास्थ्य मिशन स्थापित करने के बावजूद अधिकतर जरूरतमंद गांववासियों को उचित स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं, या इन्हें प्राप्त करने के लिए उन्हें असहनीय खर्च करना पड़ता है। इलाज पर आने वाला खर्च कर्जग्रस्त होने और गरीबी में धकेले जाने का प्रमुख कारण बनता जा रहा है। इस...
More »SEARCH RESULT
बाल विवाह की समाजिक बुराई पर युवाओं की एक पहल- रेणुका पामेचा
ममता 17 साल की है। वह अन्य लड़कियों के साथ पिता के साथ रहती है परंतु अपने पिता से उसका रिश्ता काफी कठिन दौर में है क्योंकि ममता ने अपने बाल विवाह को रुकवाने के लिए दो बार पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई। 13 मई 2013 को होने वाली शादी भी रुकवाई। ममता ने आगे पढ़ाई जारी रखने का पक्का इरादा बना रखा है। वह पिता के दबाव में नहीं...
More »खेती की पढ़ाई के लिए इंजीनियरिंग से 10 गुना ज्यादा कांपिटिशन
रायपुर. रोजगार के बेहतर मौकों की वजह से एग्रीकल्चर की पढ़ाई इस समय इंजीनियरिंग पर भारी पड़ती दिख रही है। इंजीनियरिंग कोर्स के प्रति छात्रों का रुझान घटता जा रहा है। पीईटी के लिए इस साल आए आवेदनों को देखा जाए, तो इंजीनियरिंग की हर दो सीटों के लिए करीब तीन छात्रों के आवेदन थे। ठीक उलट एग्रीकल्चर की दो सीटों के लिए 50 दावेदार मैदान में हैं। राज्य...
More »मुद्रास्फीति आने वाले महीनों में और कम होगी: मोंटेक
नयी दिल्ली । मुद्रास्फीति के मार्च में तीन साल से अधिक समय के बाद छह फीसद से नीचे आने के बाद योजना आयोग ने आज भरोसा जताया कि मूल्य स्थिति आने वाले महीनों में और सुधरेगी। आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने यहां संवाददाताओं से कहा ‘‘तीन साल से अधिक अवधि में पहली बार इसका छह फीसद से नीचे आना बेहद महत्वपूर्ण है और मुझे उम्मीद है कि हमें...
More »मॉरीशस मार्ग की माया- सुनील
जनसत्ता 1 अप्रैल, 2013: अट्ठाईस फरवरी को बजट पेश होते ही, वित्तमंत्री की उम्मीद के विपरीत, शेयर बाजार का सूचकांक गिरने लगा और पिछले तीन महीनों के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। कारण खोजने पर बजट भाषण का एक वाक्य खलनायक बन कर उभरा। तत्काल वित्तमंत्री से लेकर वित्त मंत्रालय के अधिकारियों तक ने पत्रकार वार्ताएं आयोजित कर सफाई जारी की, ‘गलतफहमी\' दूर करने की कोशिश की और माफी...
More »