जनसत्ता 29 जुलाई, 2014 : लोकतंत्र में अगर तंत्र की भाषा लोक से भिन्न हो जाए तो यह लोकतंत्र के लिए अच्छा सूचक नहीं है। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा में भाषाई आधार पर भेदभाव के जो आरोप सामने आ रहे हैं उनसे अंगरेजी मानसिकता की वर्चस्ववादी नीति और भारतीय भाषाओं की दुर्दशा पर एक बार फिर विचार करने की जरूरत पैदा हुई है।...
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खराब मानसून में छिपे डर - अनिल पद्मनाभन
इस साल मानसून का जो हाल है, वह बहुत डराने वाला है। इससे गुजरे छह हफ्ते से जो अनिश्चितता पैदा हुई है, वह एक बुरी आशंका की ओर इशारा कर रही है। कुदरत के संकेतों को समझते हुए कुछ यह दावा कर सकते हैं कि भारतीय मौसम विभाग की औसत मानसून की भविष्यवाणी सही साबित होगी। लेकिन क्या यही सच है? अभी तक मानसून का जो हाल है, वह...
More »बच्चों को मिड डे मील में मिलेगा अंडा और फल
रांची। हिन्दुस्तान ब्यूरो। राज्य के स्कूलों में बच्चों को अब मिड डे मील में अंडा और फल मिलेगा। विकास आयुक्त की अध्यक्षता वाली योजना प्राधिकृत समिति ने मिड डे मील के तहत बच्चों के लिए अंडा एवं फल देने की योजना को मंजूरी दी है। राज्य सरकार ने अंडा और फल के लिए 155 करोड़ की स्वीकृति दी है। केंद्र सरकार द्वारा गठित पांचवें संयुक्त समीक्षा मिशन मंे जो प्रतिवेदन...
More »गरीबी हटाने की लंबी डगर - एन के सिंह(पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय सचिव)
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट पर संसद में हुई बहस का जवाब देते हुए इस सोच का खंडन किया है कि गरीब समर्थक और कारोबार समर्थक नीतियों में कोई फर्क होता है। उन्होंने पूरी विनम्रता से स्वीकार किया है कि उनका बजट गरीब समर्थक भी है और कारोबार समर्थक भी। यह बात लगभग उसी तरह की है, जैसे यह कहा जाए कि एक तरफ जगदीश भगवती और अरविंद पणगरिया...
More »खस्ताहाल स्कूली शिक्षा से संकट में छात्रों का भविष्य
इंदौर के पास स्थित देपालपुर में स्कूली शिक्षा के नाम पर सरकारी खानापूर्ति सामने आई है। इस विकासखंड में ऐसे कई स्कूल हैं, जो एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहे हैं। यह खबर एक तरह से पूरे देश की निराशाजनक तस्वीर पेश करती है। 12 लाख शिक्षकों की कमी है देशभर में 50 प्रतिशत स्कूलों साफ पीने की सुविधा नहीं ...
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