पिछले वर्ष सर्दियों में मैंने पूर्वी उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले के एक दलित गांव का दौरा किया। यह गांव सागरी तहसील के मालतरी से थोड़ी ही दूर पर बसा है। यहां की एक महिला की दास्तान सुनकर हम दंग रह गए। दरअसल वह अपनी बेटी का दाखिला पास के एक हाई स्कूल में छठी कक्षा में कराना चाहती थी, पर स्कूल प्रबंधन ने इन्कार कर दिया। वजह, लड़की अपना नाम...
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जांच में दिखीं स्कूलों में कमियां
पटना सिटी: सर्वशिक्षा अभियान के बाद शिक्षा में गुणात्मक सुधार के बदलाव अमल में आ रहे हैं या नहीं. इसी बात का जायजा लेने के लिए सोमवार को अनुमंडल पदाधिकारी त्याग राजन एसएम विद्यालयों का निरीक्षण करने पहुंचे गये. एसडीओ ने पदाधिकारियों के साथ प्राथमिक, मध्य व उच्च विद्यालयों में 11 विद्यालयों का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दरम्यान नामित बच्चों के साथ गुरु जी भी अनुपस्थित पाये गये. इतना ही नहीं...
More »गांवों के विकास पर अरबों का सालाना खर्च- आर के नीरद
मित्रों, केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार, ग्रामीण विकास पर सब का जोर है. गांवों के विकास से ही देश का विकास संभव है, यह सभी जानते हैं. देश की 70 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है, यह सच भी सब को पता है. जाहिर है कि विकास के सवाल पर जब भी बात होगी, गांव उसका सबसे बड़ा विषय होगा. आजादी से अब तक गांवों के विकास के लिए सरकार ने अनेक...
More »मुखिया की कोशिश से बालश्रम का उन्मूलन
हजारीबाग जिले के कटकमदाग पंचायत का चयन झारखंड की 75 बाल हितैषी अगुवा पंचायत में हुआ है. उन्हें हाल ही में झारखंड पंचायत महिला रिसोर्स सेंटर की ओर से इस संबंध में पत्र मिला है. उन्हें इससे संबंधित प्रशिक्षण के लिए रांची भी बुलाया गया है. लेकिन इस पंचायत की मुखिया प्रियंका कुमारी इस योजना के तहत अपनी पंचायत का चयन किये जाने के पहले से ही बच्चों के लिए...
More »बुरी राजनीति की महामारी के चपेट में क्यों है उत्तर प्रदेश?
अपनी चुनावी यात्र के दौरान सुप्रिया शर्मा ने महसूस किया कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के मतदाता आज भी जाति, समुदाय और धर्म से अलग कुछ भी सोचने को तैयार नहीं हैं, वे भी नहीं जिनके बच्चे गंभीर रूप से बीमार हैं. जाति के प्रति उनका आग्रह बहुत कुछ कहता है. पिछले हफ्ते जब मैंने महामारी वार्ड संख्या 12 का दौरा किया था तो वहां का माहौल दूसरे दिनों के मुकाबले बेहतर था. वहां...
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