गोरखपुर : पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिमागी बुखार के कारण दो दिनों में सात और लोगों की मौत के साथ इस साल इस बीमारी से क्षेत्र में मरने वाले लोगों की कुल संख्या 185 हो गयी है. अतिरिक्त निदेशक (स्वास्थ्य) कार्यालय के सूत्रों ने आज यहां बताया कि कुल सात मृतकों में से तीन लोगों की मौत कल हुयी जबकि गुरुवार को चार लोगों की मौत यहां के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में...
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लखीमपुर: महिला तस्करी की नई राजधानी- प्रियंका दुबे
रह्मपुत्र और सुबनसिरी जैसी विशाल नदियों के बीच बसा असम का लखीमपुर जिला पहली नजर में खुशहाल इलाका दिखता है. ढलानों पर पसरे चाय-बागान, दूर तक फैले धान के खेत और पानी से लबालब सैकड़ों तालाब. लेकिन सतह को थोड़ा ही कुरेदने पर इस खुशनुमा तस्वीर के पीछे की भयावह सच्चाई दिखती है. पता चलता है कि बागानों में चाय की पत्तियां तोड़ते मजदूरों और पानी में डूबे खेतों में...
More »गरीबी और सरकारी अमानवीयता- एम जे अकबर
यह इनसानी स्वभाव है कि व्यक्ति अगर अच्छे मूड में हो, तो वह अपने सहयोगी को इंतजार कर रही त्रासदी से बचाने में गर्व महसूस करता है. एक दागदार व्यक्ति को सतत रूप से जारी फिजूल तमाशे से बचाना एक अच्छा मौका हो सकता है. संभवत: वक्त आ गया है जब हम सब मिल कर 28 साल पहले दिल्ली में हुए सिख विरोधी दंगों के दौरान लोगों को हत्या और...
More »सरकार ने किया मानवाधिकार का उल्लंघन
कोलकाता: राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के मानवाधिकार उल्लंघन की सीमाओं को लांघने की घटना कोई नयी बात नहीं है. गुरुवार को कलकत्ता हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अरुण कुमार मिश्र व न्यायाधीश जयमाल्य बागची की खंडपीठ ने राज्य सरकार को मानवाधिकार का उल्लंघन करने का दोषी करार देते हुए पीड़ित को 15 हजार रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया. क्या है मामला विगत 10 अप्रैल को सिलीगुड़ी में कानून तोड़ो आंदोलन के...
More »महान लोकतंत्र की सौतेली संतानें- अतुल चौरसिया
नर्मदा और टिहरी की जो वर्तमान त्रासदी है उत्तर प्रदेश का सोनभद्र जिला उससे आधी सदी पूर्व ही गुजर चुका है. लेकिन इसका दुर्भाग्य कि नर्मदा, टिहरी के मुकाबले विनाश के कई गुना ज्यादा करीब होने के बावजूद यह आज कहीं मुद्दा ही नहीं है. शायद इसलिए कि सोनभद्र के पास कोई मेधा पाटकर या सुंदरलाल बहुगुणा नहीं हैं. अतुल चौरसिया की रिपोर्ट. फोटो: शैलेंद्र पांडेय. सोनभद्र को देखकर पहली नजर...
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