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इन्क्लूसिव मीडिया- यूएनडीपी फैलोशिप-2014 के पऱिणाम घोषित!

इन्क्लूसिव मीडिया- यूएनडीपी फैलोशिप 2014 के लिए हिन्दी और अंग्रेजी मीडिया से जुड़े ओड़िशा, झारखंड, असम और पंजाब के कुल छह पत्रकारों का चयन हुआ है। चयनित फैलो अपनी रोजमर्रा की पत्रकारिता से समय निकालकर देश के ग्रामीण और वंचित समुदायों के बीच समय बिताएंगे ताकि समाज के इस हिस्से की चिन्ता और सरोकारों को व्यापक कवरेज मिल सके और उसपर लोगों का ध्यान जा सके। फैलोशिप के अन्तर्गत चयनित...

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बच्चों के हित में एकीकृत बाल संरक्षण योजना- आर के नीरद

मित्रो, बच्चों के अधिकार, स्वास्थ्य और भविष्य को लेकर परिवार, समाज और सरकार सभी चिंता करते हैं. ये इन सभी के भविष्य की बुनियाद हैं. इन्हें जितना मजबूत बनाया जायेगा, सब का भविष्य उतना ही उज्ज्वल होगा. इस तथ्य के बाद भी आंकड़े बताते हैं कि हम बच्चों की जान बचाने में अब भी पीछे हैं. जो बच्चे पैदा हो रहे हैं, उनमें कुपोषित बच्चों की संख्या भी अधिक होती है. बच्चों...

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म्यांमार के जियावडी गांव में बसता है ‘बिहार’

म्यांमार और भारत के रिश्ते सदियों पुराने हैं। लेकिन कम लोगों को ही पता होगा कि म्यांमार में भी एक ‘बिहार' बसता है। म्यांमार के बगो प्रांत का जियावडी गांव सवा सौ साल पहले धोखा देकर बिहार से लाए गए गिरमिटिया अर्थात अनुबंधित मजदूरों के वंशजों से आबाद है। ब्रिटिश शासन के दौरान अंग्रेजों ने बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को दुनिया के अनेक देशों में गिरमिटिया के...

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50 हजार से अधिक गाँव के मास्टर प्लान बनाने वाला मप्र पहला राज्य

भोपाल । विकेन्द्रीकृत नियोजन की अवधारणा को अमल में लाते हुए प्रदेश के सभी 50 हजार 982 गाँव के मास्टर प्लान बनाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है। इस कार्य के लिये मध्यप्रदेश विधानसभा में संकल्प पारित किया गया था। मास्टर प्लान को क्रियान्वित करने के लिये राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी किये हैं। उनसे 2015-16 की जिला योजना तैयार करने को भी कहा गया है।...

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आप भी शुरू करें अपना रेडियो स्टेशन- आर के नीरद

मित्रों, पिछले अंक में हमने बात कि कैसे आप भी अपना अखबार निकाल सकते हैं और उसके जरिये गांव-पंचायत में बदलाव ला सकते हैं. इस अंक में हम बात कर रहे हैं सामुदायिक रेडियो की. आप जानते हैं कि जब गांवों में अखबार नहीं पहुंचा था, तब रेडियो ही लोगों के मनोरंजन, ज्ञान और सूचना का बड़ा माध्यम था. आज भी वहां रेडियो के कार्यक्रम और समाचार सुने जाते हैं,...

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