SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 6625

गरीबों को मुख्यधारा में लाएगी यूआईडी योजना : नीलकनी

भोपाल. केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी यूआईडी (विशिष्ट पहचान संख्या) योजना का पहला नंबर फरवरी 2011 तक जारी हो जाएगा। इस वृहद परियोजना का लाभ उन करोड़ों गरीबों को मिलेगा, जिनकी सरकारी तंत्र में कोई पहचान नहीं है और जो समाज में हाशिए पर हैं। यह कहना है यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) के अध्यक्ष पद्मभूषण नंदन नीलकनी का। एक दिन के भोपाल प्रवास के दौरान दैनिक भास्कर कार्यालय...

More »

शहरों के बढ़ने से सामाजिक तनाव की आशंका- यूएन रिपोर्ट

शहरी आबादी के तेज विस्तार से दुनिया के कई बड़े शहरों में सामाजिक तनाव की स्थितियां पैदा हो रही हैं। संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा जारी मानव बसाहट से संबंधित एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अनियोजित मानव बस्तियों (यानी झुग्गी-झोपड़ी)  के अस्त-व्यस्त हालात शहरों में व्यापक स्तर पर हिंसा और अराजकता की स्थिति को जन्म दे सकते हैं। प्लानिंग सस्टेनेबल सिटीज-ग्लोबल रिपोर्ट ऑन ह्यूमन सेटेलमेंट-2009 नामक इस रिपोर्ट में कहा...

More »

आबादी बनाम उत्सर्जन-टी. एन. नाइनन

वर्ष 1992 में रियो पृथ्वी सम्मेलन के साथ ही जलवायु परिवर्तन पर चर्चा के दौरान ग्रीनहाउस गैसों के प्रति व्यक्ति उत्सर्जन को सूचकांक के तौर पर आम स्वीकृति मिल गई थी। चूंकि अमेरिका में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन भारत के मुकाबले 10 गुना अधिक है, इसलिए जब सुधारात्मक कार्रवाई की बात आती है तो उसकी जवाबदेही भारत से अधिक है। यह तथ्य 1997 में क्योटो समझौते का आधार बना, जिसके तहत बड़े...

More »

कितनी जायज मदद की मांग

देश की दवा कंपनियों के एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था इंडियन फार्मास्युटिकल्स एलायंस ने असामान्य कदम के तहत सरकार से उद्योग को सहायता देने की मांग की है। उद्योग इस समय भारतीय कंपनियों के विदेशी अधिग्रहण से जूझ रहा है। इनमें से कोई भी अधिग्रहण जबरन नहीं है। तो ऐसे में सरकार कहां से आती है, खासकर तब जबकि सुरक्षा कोई मुद्दा नहीं है? यह भी साफ...

More »

सुधार से उपजी चुनौतियां

यथास्थिति बनाए रखने वाली मौद्रिक नीति की घोषणा को एक सप्ताह भी नहीं बीता है कि विश्लेषक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा दिसंबर से पहले सख्त कार्रवाई का अनुमान जताने लगे हैं। एक वाजिब सवाल यह है कि क्या अगले दो महीनों के दौरान नाटकीय रूप से ऐसा बदलाव आएगा कि हालात बेहतर हो जाएं। इसका जवाब किसी मौद्रिक प्रतिक्रिया के सही समय से निर्धारित होगा। फिलहाल ज्यादातर लोग अनुमान लगा रहे...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close