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दुग्ध उत्पादन 4.5% बढऩे के आसार

अगले वर्ष 2014 के दौरान देश में दूध का उत्पादन 4.5 फीसदी बढ़कर 1406 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) की रिपोर्ट के अनुसार इस साल मानसून सामान्य रहने से दुग्ध उत्पादन बढ़ सकता है। इसके अलावा उपभोक्ताओं की आय बढऩे से मांग में इजाफा से भी दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। दुनिया के सबसे बड़े उपभोक्ता व उत्पादक देश भारत में चालू वर्ष 2013 के दौरान दूध...

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वर्ष 2020 तक 140 अरब डॉलर का होगा भारतीय डेयरी उद्योग

देश में डेयरी उद्योग अगले वर्षों में तेजी से बढऩे की संभावना है। संगठित और असंगठित क्षेत्र में इस उद्योग का कारोबार वर्ष 2020 तक बढ़कर 140 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है क्योंकि लोगों की आय बढऩे की वजह से उनकी मांग में तेजी से इजाफा हो रहा है। इन्वेस्टर रिलेशन्स सोसायटी (आईआरएस) की एक रिपोर्ट के अनुसार अगले सात वर्षों में भारतीय डेयरी उद्योग का आकार बढ़कर दोगुना हो जाएगा।...

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विश्व बैंक ने भारत की वृद्धि दर का अनुमान घटाकर 4.7 प्रतिशत किया

नयी दिल्ली : विश्व बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष में भारत के लिए आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को घटाकर 4.7 प्रतिशत कर दिया है. इससे पहले विश्व बैंक ने वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था. विश्व बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री (दक्षिण एशिया) मार्टिन रामा ने आज कहा, रपट (इंडिया डेवलपमेंट अपडेट) में मौजूदा वित्त वर्ष में वास्तविक जीडीपी 4.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो वित्त वर्ष 2015...

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चिदंबरम ने सरकारी गोदाम से जारी चावल के उंचे दाम को सही ठहराया

शिवगंगा : केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने सरकारी गोदाम से जारी होने वाले चावल की कीमत में वृद्धि को सही ठहराते हुये कहा है कि सरकार धान की खरीद करते समय किसानों को अधिक भुगतान करती है. चिदंबरम ने कल यहां तयामंगलम के नजदीक सार्वजनिक क्षेत्र के विजय बैंक की 1459वीं शाखा का उद्घाटन करते हुये कहा ‘‘हम किसानों से धान की खरीद करते समय ज्यादा भुगतान करते हैं इसलिये स्वाभाविक...

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आज के संदर्भ में ग्राम-स्वराज- भारत डोगरा

जनसत्ता 2 अक्तूबर, 2013 : गांधीजी ने ग्राम स्वराज्य का सपना देखा था। लेकिन आजादी मिलने के बाद जो विकास नीति अपनाई गई, उसमें इस सपने के लिए कोई जगह नहीं थी। इसीलिए ग्रामीण इलाकों से शहरों की तरफ पलायन हमारे नीति नियंताओं को कभी चुभा नहीं। सकल राष्ट्रीय आय में कृषि क्षेत्र की घटती हिस्सेदारी भी उन्हें चिंतित नहीं करती। भारत के गांवों में आजादी के बाद कैसा बदलाव हुआ? इतने...

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