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यूपी में नई चीनी मिलों की राह नहीं आसान

अवनीश त्यागी, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों को राहत पहुंचाने के लिए तैयार नई चीनी नीति निवेशकों को लुभा पाएगी, इसे लेकर शंका जताई जा रही है। मिलों के लिए पेराई को पर्याप्त गन्ने की उपलब्धता और गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं, गन्ना किसानों की सियासत के उलझाव भी परेशानी का सबब हैं। नई नीति के तहत 24 जिलों में चीनी मिलों के निर्माण के लिए खास...

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आधार कार्ड यानी धोखे का आधार - सचिन कुमार जैन

आधार यानी विशेष पहचान के आधार को समझिए। लोगों को पहचान देने के नाम शुरू हुआ प्रयास महज 3 साल में ही लोगों के लिए विकास से बहिष्कार और योजनाओं से बेदखली का कारण बनने लगा। इसका मकसद सरकार के गरीबों पर किए जाने वाले खर्च को कम करना बन गया है और दूसरा मकसद है समुदाय को नकद धन देना ताकि वे बाज़ार को फायदे रोशन करें। जनवरी 2009...

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अभिशाप साबित हो रही हरित क्रांति योजना

संवादसूत्र, गोसाईगंज (सुल्तानपुर) : नि:शुल्क बोरिंग व उस पर मिलने वाला अनुदान किसानों के लिए अभिशाप साबित हो रहा है। कूरेभार विकास खंड में यह योजना कमीशनबाजी की भेंट चढ़ गई है। इसके तहत मिलने वाली पाइप घटिया किस्म की है। अधिकांश पाइपें बोरिंग के समय ही दगा दे रही हैं। यदि ठीकठाक से बोरिंग हो भी गई तो दो-चार महीने में उस पाइप से पानी निकलना बंद हो जा रहा...

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रैन बसेरों की जानकारी बेघरों तक पहुंचाने के लिए प्रचार अभियान की तैयारी

जनसत्ता संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली के शहरी विकास व राजस्व मंत्री अरविंदर सिंह ने कहा कि राजधानी दिल्ली में हर जरूरतमंद और बेघर व्यक्ति को सरकार की ओर से चलाए जा रहे रैन बसेरे में आश्रय मिलेगा। राजधानी में कुल 150 रैन बसेरे सफलतापूर्वक कार्यरत हैं। इनमें बेघर लोगों को कंबल, दरी, पीने का पानी, बुनियादी स्वास्थ्य सेवा, स्वच्छ शौचालय आदि की सुविधा प्रदान की जाती है। शहरी विकास मंत्री ने ये...

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खुला बाजार और बंद दिमाग- कुमार प्रशांत

जनसत्ता 11 दिसंबर, 2012: लंबे समय से देश के किसी भी गहरे सवाल पर, कोई भी सार्थक बहस करने में असमर्थ लोकसभा-राज्यसभा के सदस्यों के बीच दो दिन की भाषणबाजी के बाद यह फैसला हो गया कि भारत का खुदरा बाजार विदेशी पूंजी और विदेशी माल के लिए खोल दिया जाएगा। अरविंद केजरीवाल पूछते हैं कि भाई, जो खुदरा बाजार में अपना माल लेकर बैठता है और जो खरामां-खरामां उससे खरीदारी करने...

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