किसी गांव की एक महिला बकरी खरीदना चाहती है। वह आर्थिक तौर पर अपने पैरों पर खड़े होना चाहती है। यह जानते हुए कि उसे मदद मिल सकती है, वह इस काम के लिए लघु वित्तीय संस्थान (एमएफआई) में संपर्क करती है। उसे लगभग 7,000 रुपए की जरूरत है। एक स्वयं सहायता समूह के जरिए काम कर रही एमएफआई उसे 24 प्रतिशत की दर पर ब्याज के हिसाब से यह...
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अब मवेशियों के लिए आधार कार्ड जैसी योजना
बिहारशरीफ : दुग्ध उत्पादन को-ऑपरिटव सोसाइटी से जुड़े किसानों की समस्या शीघ्र दूर होनेवाली है. साथ ही उनके दुधारू पशुओं का यूनिक डाटा कार्ड भी बनेगा, जिसमें उनके दुधारू पशुओं का पूरा बायोडाटा रहेगा. दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ से जुड़े किसानों की समस्याओं के निराकरण को लेकर यह पहल शुरू की गयी है. यह पहल नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, नई दिल्ली ने शुरू की है. अगले माह से देश...
More »आरटीआइ की कुंद होती धार- चंदन श्रीवास्तव
सूचना के अधिकार को कानून बनानेवाले विधेयक पर राष्ट्रपति के दस्तखत 2005 में 15 जून को हुए थे, पर राज्यसभा ने इसे मंजूरी 12 मई को दे दी थी. चूंकि कानून इस मई महीने में अपने मौजूदा स्वरूप का दसवां साल पूरा कर रहा है, तो पूछा जाना चाहिए कि लोगों के हाथ इस कानून से कितने मजबूत हुए. इस कानून के अमल को लेकर मौजूदा केंद्र सरकार की गंभीरता का...
More »झारखंड- राज्य के 10 जिलों में महिला कॉलेज नहीं
रांची: राज्य की बेटी कम संसाधन में बेहतर पढ़ाई कर रही है. छात्रओं को अगर बेहतर संसाधन मिले, तो वे और भी बेहतर कर सकती हैं. राज्य गठन के 15 वर्ष बाद भी राज्य के सभी जिलों में सरकारी महिला कॉलेज नहीं खोला जा सका है. मैट्रिक के बाद इंटर की पढ़ाई के लिए राज्य के दस जिलों में एक भी महिला कॉलेज नहीं है. छात्रओं को मैट्रिक के बाद...
More »विज्ञान से ही सुलझेगी कृषि समस्या --शंथु शांताराम
जिस तरह भुखमरी के कगार पर पहुंच गए देश को 1960 के दशक की हरित क्रांति ने अन्न से संपन्न देश में बदल दिया था, उसी तरह आधुनिक जेनेटिक्स और जेनेटिक इंजीनियरिंग देश की कृषि समस्याओं के खात्मे में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। अल नीनो समेत भारत पर पर्यावरण के बदलाव का असर पहले ही दिखने लग गया है, ऐसे में विज्ञान की मदद लेने के अलावा देश के...
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