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चुनाव से बंगाल में पहले होगी दूसरी हरित क्रांति

नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। विधानसभा चुनाव होने के नाते पश्चिम बंगाल में सबसे पहले 'हरित क्रांति' होगी। केंद्र सरकार ने बजट में घोषित 400 करोड़ रुपये की दूसरी हरित क्रांति योजना में से 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि पश्चिम बंगाल को दे दी है। यह वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी का गृह राज्य भी है। दूसरी हरित क्रांति के लिए चुने गए बाकी पांच राज्यों को थोड़ा-थोड़ा 'चूरन' बांट दिया गया है। उन्नतशील...

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कृषि, कर्ज और महंगाई की चुनौतियां

नई दिल्ली [भारत डोगरा]। जहां एक ओर कृषि नीति के सामने महंगाई व किसानों के कर्ज की ज्वलंत समस्याएं हैं, वहीं दूसरी ओर जलवायु बदलाव के संकट से जूझना भी जरूरी है। वैसे तो पहले भी यह बार-बार अहसास हो रहा था कि न्याय, समता व पर्यावरण हितों की रक्षा और खेती में टिकाऊ प्रगति के लिए कृषि-नीति में बदलाव जरूरी हो गए हैं। अब जब जलवायु बदलाव के कुछ दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं और...

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गांवों में मुआवजा शिविर पर उठने लगे सवाल

रबूपुरा, संस : यमुना विकास प्राधिकरण द्वारा गांवों में लगाए जा रहे मुआवजा शिविरों पर किसान उंगुली उठाने लगे हैं। इससे परेशान किसानों ने बुधवार को निलौनी गांव में पंचायत हुई। पंचायत को संबोधित करते हुए अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष नत्थीराम शर्मा ने कहा कि बार-बार चेतावनी के बावजूद प्राधिकरण अपने रवैये में सुधार नहीं कर रहा है। मुआवजा बांटने की प्रक्रिया में सोमवार को निलौनी गांव में शिविर लगा, लेकिन कर्मचारियों ने एक...

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गोत्र विवाद: किसान संगठन आमने-सामने

राजधानी हरियाणा. हरियाणा में गोत्र विवाद उग्र रूप धारण करता जा रहा है। खाप-पंचायतों की जाट समाज संगठनों को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करने की चेतावनी के बाद अब किसान संगठन आमने-सामने हो गए हैं। भारतीय किसान यूनियन व अखिल भारतीय किसान सभा में विवाद गहरा गया है। बुधवार को सभा के प्रदेश उपाध्यक्ष कृष्णस्वरूप गोरखपूरिया ने कहा कि भाकियू अध्यक्ष महेन्द्र सिंह टिकैत ने हरियाणा आकर गोत्र विवाद भड़काया तो उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।...

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ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

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