मेहनत हमेशा रंग लाती है. और जब मौसम हो फ़लों का तब तो किसानों की तकदीर ही खुल जाती है और उनके हाथ फ़ल नहीं सोना उगाने लगते हैं. जयनगर : सीमावर्ती जयनगर स्थित कमला नदी में इन दिनों किसानों के द्वारा सोना उपजाया जा रहा है. प्रखंड के जयनगर, बेला, डोरवार, कोरहिया, गोबराही सहित कई अन्य क्षेत्रों के किसानों के द्वारा 1000 एकड़ से अधिक कमला नदी के बालू पर गरमी...
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लोकतंत्र का लट्ठ- रेयाज उल हक (तहलका)
भट्टा-पारसौल में जो हुआ और जिस अंदाज में हुआ उससे साफ है कि उत्तर प्रदेश सरकार को असहमति और विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार की जरा भी परवाह नहीं. रेयाज उल हक की रिपोर्ट अगर यह लोकतंत्र है तो भट्टा-पारसौल के लोगों ने इसका मतलब देखा और महसूस किया है. देश की संसद से बमुश्किल 70 किलोमीटर दूर बसे 6000 जनों की आबादी वाले इस गांव ने लोकतंत्र को गोलियों के रूप...
More »खनन ने किया खोखला
शिमला। पर्यावरण प्रदेश की नींव है, लेकिन खनन के कारण यह खोखली होती जा रही है। प्रदेश सरकार ने अवैध खनन की रोकथाम के लिए समस्त उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त, समस्त उपमंडल मजिस्ट्रेट, उद्योग विभाग, वन विभाग, पुलिस, समेत आईपीएच तथा लोक निर्माण विभाग के अधिशाषी और सहायक अभियंताओं को भी चालान करने के लिए प्राधिकृत कर दिया है। जब भी इन विभागों से बात की जाती है तो यह साल-छह महीने...
More »चचरी पुल ही एक मात्र सहारा
किशनगंज : आज के आधुनिक व्यवस्था में जहां रेलवे लाइन एवं सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है वहीं इस जिले का टेढ़ागाछ प्रखंड सड़क संपर्क के जरिये जिला मुख्यालय से नहीं जुड़ पाया है. आज भी कनकई नदी पर स्थित लौचा घाट स्थित चचरी पुल लोगों का एक सहारा है. यह पुल भी जन सहयोग से निर्मित है. यह पुल जिला मुख्यालय से न केवल टेढ़गाछ को बल्कि अररिया जिला के सिकटी,...
More »आंकड़ों की खेती से नहीं निकलेंगे परिणाम
रांची : यह आयोजन समेकित व समावेशी विकास के लिए है. विकास कार्यक्रम बनें व इनमें इनपुट ही सही न हो, तो काम ठीक नहीं हो सकता. दूसरी बात कि आंकड़ों की खेती से परिणाम नहीं निकलेंगे. कृषि क्षेत्र पर सबने चिंता जाहिर की है. राज्य के अधिकतर लोगों के जीवनयापन से जुड़ा यह क्षेत्र है, लेकिन यहां पलायन व अन्य समस्याएं हैं. अब लोगों के सुझाव से वास्तविकता के साथ...
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