देश की अर्थवस्था को गति देने में छोटे और मंझोले उद्यमियों की बड़ी भूमिका है. रोजगार, आर्थिक उत्पादन और घरेलू जरूरत की चीजों को तैयार करने के अलावा भारत की कई लोकप्रिय वस्तुओं के निर्यात के आधार को भी ये मजबूत करते हैं. विदेशी मुद्रा प्राप्त करने में भी ये बड़े माध्यम हैं. इसलिए सरकार इन्हें हर स्तर पर सुविधा, सहायता, संरक्षण, प्रोत्साहन और मार्गदर्शन उपलब्ध कराती है. इसे लेकर कई...
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संविधान की रक्षा के लिए न्यायिक सक्रियता जरूरी- जस्टिस आर एस सोढ़ी
इस साल सुप्रीम कोर्ट ने भ्रष्टाचार और चुनाव सुधार की दिशा में कई अहम फैसले सुनाये. इन फैसलों के दूरगामी असर होंगे. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के इन फैसलों से एक बार फिर न्यायिक सक्रियता का सवाल उठा और कई लोगों ने न्यायपालिका को लक्ष्मण रेखा न लांघने की सलाह भी दी. लेकिन मेरा स्पष्ट मानना है कि जब शासन व्यवस्था जनहित की जिम्मेवारी नहीं निभाती है, तो एक शून्य उभरता...
More »शराबमुक्त गांव को एक लाख का इनाम
राजगीर (नालंदा) : राजगीर के अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन हॉल में रविवार को जीविका द्वारा आयोजित कार्यशाला सह सेमिनार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गांवों को शराबमुक्त बनाने और घरों में शौचालय निर्माण पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि शराबमुक्त गांव को एक लाख रुपये का इनाम दिया जायेगा. कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन में श्री कुमार ने कहा कि यह संकल्प लें कि जिस घर में शौचालय नहीं होगा, वहां...
More »संस्कृति और विकास का अंतर्विरोध - डा. भरत झुनझुनवाला
हाइड्रोपावर का नरेंद्र मोदी के बताये उद्देश्यों से घोर अंतर्विरोध है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही हाइड्रोपावर के पक्षधर हैं, परंतु हाइड्रोपावर के दुष्परिणामों के कारण जनता द्वारा विरोध होने से दोनों ही पार्टियां अपने दुष्चिंतन को लागू नहीं कर पायी हैं. नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड दौरे के दौरान कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पहाड़ के युवा बेरोजगार हैं चूंकि विकास नहीं हो रहा है. उन्होंने उत्तराखंड को स्पिरिचुअल एनवायरन्मेंट जोन...
More »दीर्घकालीन राजनीति के तकाजे- पवन कुमार गुप्त
जनसत्ता 23 दिसंबर, 2013 : बहुत समय बाद राजनीति शब्द अपने सही अर्थ के नजदीक आया है। बहुत दिनों बाद आम आदमी में राजनीति से एक उम्मीद जगी है। बहुत-से लोग जो निराशहो गए थे, नए ढंग से सोचने लगे हैं। बात शायद 1944 की है। डॉ सुशीला नैयर ने गांधीजी से पूछा था कि आपने ऐसा क्या किया कि हिंदुस्तान की गिरी-पड़ी जनता उठ खड़ी हुई? गांधीजी का जवाब...
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