उच्चतम न्यायालय में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की खामियां दूर करने के मामले की सुनवाई के सिलसिले में योजना आयोग के इस हलफनामे ने देश को चौंका दिया कि शहरी क्षेत्रों में प्रतिदिन 32 और ग्रामीण इलाकों में 26 रुपये खर्च करने वाले लोग गरीबी रेखा से ऊपर माने जाएंगे। इस हलफनामे से योजना आयोग के साथ-साथ केंद्र सरकार की भी फजीहत हुई। इस हलफनामे को लेकर सबने सरकार को कोसा।...
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सड़ा गरीबों का निवाला
भवनाथपुर(गढ़वा) : भवनाथपुर में 80 क्विंटल सरकारी चावल सड़ गया. अन्नपूर्णा योजना के तहत गरीबों के बीच बांटा जाना था. पर समय पर नहीं बांटा जा सका. चावल प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित टूटे-फ़ूटे गोदाम के बरामदे पर रखा हुआ था. जहां बारिश के पानी लगातार पड़ने से सड़ गया. जानकारी के अनुसार, भवनाथपुर व केतार प्रखंड के गरीबों के बीच बांटने के लिए उक्त चावल एफसीआइ गोदाम से यहां लाया गया था....
More »मुद्दा: गरीब की नई परिभाषा
गरीबी: सभ्य समाज के इस सबसे बड़े अभिशाप को राष्ट्रपिता गांधी जी ने हिंसा का सबसे खराब रूप कहा। करेला उस पर नीम चढ़ा कि स्थिति यह कि गरीबों को 'गरीब' न मानना। हमारे हुक्मरानों ने गरीबों की नई परिभाषा गढ़ी है। अगर आप शहर में रहकर 32 रुपये और गांव में रहकर 26 रुपये प्रतिदिन से अधिक खर्च कर रहे हैं तो आप गरीब नहीं है। खुद को गरीब मानते...
More »और महंगा होगा प्याज!
नई दिल्ली। किसानों के दबाव में सरकार ने दो सप्ताह के भीतर ही अपना फैसला पलटते हुए प्याज निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा लिया है। इससे प्याज और महंगा हो सकता है। प्याज निर्यात से रोक हटाने का यह फैसला भी उसी मंत्रियों के उसी अधिकारप्राप्त समूह [ईजीओएम] ने लिया है, जिसने इस पर रोक लगाई थी। राजनीतिक रूप से संवेदनशील प्याज को लेकर सरकार दोहरे दबाव से गुजर रही थी। प्याज...
More »खेतों में भी काम करेंगे नरेगा मजदूर :शरद पवार
जयपुर।नरेगा के कारण खेतों में काम करने के लिए मजदूरों का भारी संकट पैदा होने के बाद अब केंद्र सरकार फसलों की बुवाई-कटाई के समय इन मजदूरों को खेतों में लगाने पर विचार कर रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने राज्य सरकार से इस संबंध में प्रस्ताव और सुझाव भेजने को कहा है। जिससे कृषि के काम में मजदूरों के संकट से निबटा जा सके। उन्होंने कहा कि यह हमेशा उनकी...
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