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सरकार ने बदला फैसला, अब एनआरआई भी दायर कर सकते हैं आरटीआई

नई दिल्ली: सरकार ने अपना रुख बदलते हुए कहा कि अब प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) को भी देश में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत आवेदन देकर प्रशासन से जुड़ी जानकारी लेने का हक होगा. कार्मिक, जन शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने आठ अगस्त, 2018 को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में कहा था कि एनआरआई आरटीआई कानून के तहत अर्जी देने के लिए पात्र नहीं हैं. इस...

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बौद्धिक स्वतंत्रता और राष्ट्रहित- मणींद्र नाथ ठाकुर

ऐसा क्या हो गया है कि भारत के बुद्धिजीवियों को राष्ट्रविरोधी होने का खिताब मिल रहा है? क्या स्वतंत्र चिंतन, सरकारी नीतियों की आलोचना राष्ट्रहित में नहीं है? आखिर उन्हें क्यों लगता है कि व्यवस्था गरीबों के हित में नहीं है? और यदि यह सही है, तो फिर व्यवस्था को ठीक करने का क्या उपाय किया जा सकता है? क्या यह भारतीय बुद्धिजीवियों का दायित्व नहीं है कि वे...

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एक प्रगतिशील फैसले के बाद-- एस श्रीनिवासन

देश का सबसे शिक्षित सूबा केरल इन दिनों उबल रहा है। विवाद सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले को लेकर है, जिसमें सबरीमाला के अयप्पा मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं को पूजा-अर्चना की अनुमति दी गई है। इस फैसले का सांविधानिक पहलू भी है और सांस्कृतिक भी। लेकिन चुनावी मौसम के करीब होने के कारण इस मसले को विशुद्ध राजनीति ने हथिया लिया है। कानूनी लिहाज से यह विवाद एक व्यक्ति...

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गांधी और कॉपीराइट का सवाल-- रामचंद्र गुहा

आर ई हॉकिंस ऐसे अंग्रेज थे, जिन्हें ज्यादा शोहरत तो नहीं मिली, लेकिन बतौर प्रकाशक उन्होंने अपनी जड़ें जमाईं और भारत में ही बस गए। दिल्ली के स्कूल में अध्यापन के लिए 1930 में भारत आए हॉकिंस असहयोग आंदोलन में स्कूल बंद हो जाने पर बंबई चले गए और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस से जुड़ गए। 1937 में इसके महाप्रबंधक बने और अगले 30 साल तक इसे खासी सफलता से संचालित...

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कीमती डेटा की सुरक्षा जरूरी-- पवन दुग्गल

वर्तमान भारत आज विशेष तौर से साइबर सुरक्षा में सेंधमारी या डेटा सेंधमारी की चुनौतियों का सामना कर रहा है और उससे डील करने की थोड़ी सी कोशिश भी कर रहा है. इसका सीधा सा कारण यह है कि भारत को जितना महत्व साइबर सुरक्षा को देना चाहिए, उतना महत्व नहीं दे रहा है. साइबर सुरक्षा को लेकर भारत में आज तक कोई विशिष्ट कानून नहीं बन पाया है. एकमात्र कानून...

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