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क्या वाकई देश में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों में कमी आई है?

-न्यूजक्लिक, देश के तमाम अलग-अलग राज्यों से दुष्कर्म, यौन हिंसा और महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की खबरों के बीच नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो यानी एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट सामने आने के बाद चारों ओर देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी की सुर्खी छाई हुई है। एनसीआरबी ने साल 2020 में देश में हुए अपराधों का डेटा जारी किया है। इसमें महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को लेकर 2019 की...

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JEE घोटाला और NEET पर पाबंदी मौजूदा व्यवस्था की नाकामियां हैं, असली चुनौतियां तो अभी बाकी हैं

-द प्रिंट, भारत में सबसे ज्यादा अहम और अत्यधिक प्रतिस्पर्धी मानी जाने वाली दो प्रवेश परीक्षाएं—राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) और संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)—इस सप्ताह विवाद के कारण सुर्खियों में रही हैं. मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश इन्हीं परीक्षाओं के माध्यम से मिलता है. जेईई में कथित हेरफेर मामले की आपराधिक जांच और तमिलनाडु में अपने मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए नीट खत्म करने के संबंध में एक विधेयक पेश किए जाने से इन...

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जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होना चाहिए : सज्जाद लोन

-कारवां, सज्जाद लोन जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस पार्टी के अध्यक्ष हैं. लोन के पिता अब्दुल गनी ने 1978 में पार्टी की स्थापना की थी. 2002 में संदिग्ध आतंकवादियों ने उस वक्त अब्दुल गनी की हत्या कर दी जब वह एक अन्य कश्मीरी नेता की स्मृति सभा में भाग ले रहे थे. लोन ने अपने पिता की मृत्यु के बाद पीपुल्स कॉन्फ्रेंस की कमान संभाली. अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत में लोन ने स्वतंत्र...

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दलहन के पारंपरिक किसानों का समर्थन करने से मिल सकती है दालों की आत्मनिर्भरता

-डाउन टू अर्थ, दालों की जमाखोरी हमेशा महंगाई लेकर आती है। दालों की महंगाई जमाखोरी का एक संकेतक बन गई है। शायद इसी भय से बीच-बीच में कानून में फेरबदल और बदलाव होते हैं। स्वतंत्र व कानून मामलों की शोधार्थी व नीति विशेषज्ञ शालिनी भुटानी का यह आलेख इन्हीं परेशानियों की तहें खोल रहा है :  भारत सरकार स्पष्ट रूप से जमाखोरी को लेकर चिंतित है, जो ऐसे समय में दालों की...

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नदियों के संरक्षण के लिए ज़रूरी धन के प्रवाह में अब भी बड़ी बाधाएं

-न्यूजक्लिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार अक्सर नदियों के संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रचार-प्रसार करती रहती है। कई बार सरकार गंगा को बचाने को अपनी मुख्य प्राथमिकताओं में बता चुकी है। लेकिन क्या नदियों को बचाने का यह दावा सरकार द्वारा धन के आवंटन की मंशा से मेल खाता है? चलिए प्रतिनिधिक योजना नमामि गंगे और इसमें हुए आवंटन को देखते हैं। बीजेपी सरकार द्वारा बहुत जोर-शोर से...

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