कमलेश कामत अमही प्रखंड मधुबनी, बिहार के रहने वाले हैं. सूचना के अधिकार से उनका परिचय अभी नया-नया है. वे समझ नहीं पा रहे हैं कि हाल में जब प्रखंड कार्यालय से उन्होंने पंचायत में होनेवाले विकास संबंधी कायरें में हो रहे व्यय का ब्योरा मांगा तो क्यों पंचायत से लेकर ब्लॉक तक में उनकी इज्जत पहले से कई गुना बढ़ गयी. पहले जो बीडीओ उन्हें अपने आस-पास भी फ़टकने...
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भूख से नहीं होगी किसी की मौत : नीतीश
पटना, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने संपूर्ण बिहार को सूखाग्रस्त घोषित करते हुए हर हाल में स्थिति का मुकाबला करने की घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि भूख से किसी को मरने नहीं दिया जाएगा। मजदूरों को रोजगार मिलेगा तथा वृद्ध, विधवा व कमजोर लोगों को अनाज मुहैया कराया जाएगा। स्थिति से निपटने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में क्राइसिस मैनेजमेंट गु्रप बना दिया गया है। मुख्यमंत्री...
More »वर्ष 2015 तक विकसित राज्य बनेगा बिहार
पटना। बिहार में रविवार को स्वतंत्रता दिवस धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। राज्य में स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित किया गया जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तिरंगा फहराया। झंडोत्तोलन के बाद मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य के सर्वागीण विकास के लिए सभी को साथ मिलकर बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि राज्य आज...
More »पाठशालाओं में छुआछूत की पैठ
अंजलि सिन्हा। अमेठी के पिछौरा गांव के जूनियर हाईस्कूल ने मिड डे मील पर उठी और पूरे सूबे में चर्चा का सबब बनी समस्या का समाधान निकाल लिया है। तय किया गया है कि दलित रसोइए की भी नियुक्ति होगी, लेकिन वह रसोई के बाहर ही काम करेगी और अंदर वाला काम यानी चूल्हे पर रसोई पकाने का काम सवर्ण रसोइया करेगी। आजाद, संप्रभुता संपन्न कहे जाने वाले दुनिया...
More »पीपीपी से सावधान -योगेश दीवान
भूमंडीलकरण-उदारीकरण के इस काल में अचानक एनजीओ या सिविल सोसाइटी समूहों की बाढ़ आना और वह भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, परिवहन और भोजन के मुद्दों पर थोड़ा शक पैदा करता है. खासकर, डब्ल्यूएसएफ की उस पूरी प्रक्रिया के बाद जो कहता था- “एक और दुनिया संभव है.” WSF इस असंभव को संभव बनाया है पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के उस मॉडल ने, जो न सीधा निजीकरण है न पूंजीवाद और न...
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