SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2095

पंचायती राज से विकास लक्ष्य को हासिल करने के लिए-- नरेन्द्र सिंह तोमर

पंचायती राज व्यवस्था स्थानीय स्वशासन का एक विशिष्ट स्वरूप है। हमारे यहां पंच-परमेश्वर की अवधारणा रही है और हमारी संस्कृति में इसकी जड़ें काफी गहरी हैं। औपनिवेशिक शासन ने हालांकि इस पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाला। लेकिन स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद संविधान (73वां संशोधन) अधिनियम 1992 के लागू होने से ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से सामाजिक-आर्थिक विकास की जमीन तैयार हुई। 24 अप्रैल को यह ऐतिहासिक संविधान संशोधन लागू हुआ...

More »

सरकारी शाहखर्ची और बदहाल किसान-- संजीव पांडेय

र्ष 2014 और 2015 भारतीय किसानों के लिए बुरे थे। दो सालों तक लगातार खराब मानसून के चलते देश के ग्यारह राज्यों के ढाई सौ से ज्यादा जिलों में सूखे की स्थिति रही। इस स्थिति में भी बिहार के औरंगाबाद जिले के चिल्हकी गांव के किसान खुशहाल थे। वे आज भी खुशहाल हैं। औरंगाबाद-डाल्टेनगंज रोड पर स्थित पिछड़ी जाति बहुल इस गांव की खुशहाली का कारण गांव के ही कुछ...

More »

बिना आधार वाले राजधानी के 4 लाख गरीबों को 1 मई से नहीं मिलेगा राशन

भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। राजधानी में रहने वाले गरीब और अंत्योदय परिवारों के ऐसे सदस्य जिन्होंने अब तक अपना आधार नंबर पीडीएस दुकान पर जाकर नेशनल फूड सेफ्टी पोर्टल (एनएफएसए) पर रजिस्टर्ड नहीं कराया है, 1 मई से उनके हिस्से का राशन मिलना बंद हो जाएगा। राजधानी में गरीब परिवारों के ऐसे 4 लाख 6 हजार सदस्य चिन्हित किए गए हैं, जिनके आधार की सीडिंग कराने न तो वे खुद आए...

More »

RBI ने कहा- बैंक चाहें तो कर्ज सस्ता करने की पूरी गुंजाइश

नई दिल्ली। देश में महंगाई में मामूली वृद्धि होने की पूरी गुंजाइश है लेकिन इसके बावजूद कर्ज की दरों में कमी हो सकती है। मौद्रिक नीति तय करने के लिए गठित समिति (एमपीसी) की पिछली बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने स्वयं ही यह बात कही। पटेल ने इस बात पर भी चिंता जताई है कि बैंक ब्याज दरों में कटौती का पूरा फायदा अभी तक ग्राहकों...

More »

सामान्य मानसून की भविष्यवाणी से बढ़ी ब्याज दर में कमी की उम्मीद

नई दिल्ली। मौसम विभाग की तरफ से सामान्य मानसून की भविष्यवाणी ने चालू वित्त वर्ष में भी किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी की उम्मीदें बढ़ा दी हैं, बल्कि लोगों की जेब पर ईएमआई के बोझ के हल्का होने की संभावनाएं भी बना दी हैं। अच्छे मानसून से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगा। यही नहीं, लगातार दूसरे साल ऐसा होने से देश की आर्थिक विकास दर की रफ्तार भी बढ़ेगी। माना जा रहा...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close