भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी या कैग) विनोद राय के बयान पर कांग्रेसी खेमे में बुरी तरह खलबली मच गई है. सीएजी विनोद राय के बयान पर दिग्विजय सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. दिग्विजय सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा है कि सीएजी के सलाह की जरूरत नहीं है वो सरकार को अपना काम करने दें. कांग्रेस नेता सत्यव्रत चतुर्वेदी ने भी विनोद राय पर निशाना साधा. आरोपों को खारिज...
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माइक्रोफाइनांस और गरीबी- भरत झुनझुनवाला
भारत सरकार का गरीब तबके को छोटे ऋण यानी माइक्रोफाइनेंस देने पर जोर है. इन ऋणों को अधिकतर महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के माध्यम से वितरित किया जाता है. सोच है कि ऋण से महिलाएं बकरी, दूध, परचून, फेरी आदि के धंधे कर सकेंगी. उन्हें आर्थिक स्वतंत्रता मिलेगी और परिवार की आर्थिक स्थिति भी सुधरेगी. इसी तरह से बांग्लादेश के मोहम्मद युनूस द्वारा स्थापित ग्रामीण बैंक द्वारा करीब 40 लाख महिलाओं...
More »प्रस्तावित लोकपाल एक ‘‘शक्तिविहीन संस्था’’: केजरीवाल
नयी दिल्ली । अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से मंजूर संशोधित लोकपाल विधेयक की जमकर आलोचना की। आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की ओर से मंजूर संशोधित लोकपाल विधेयक की आज आलोचना की और कि यह ‘‘शक्तिविहीन’’ होगा, क्योंकि सीबीआई अब भी सरकार के अंदर काम करेगी। पश्चिमी दिल्ली में एक सार्वजनिक बैठक में केजरीवाल ने आरोप लगाया कि प्रस्तावित लोकपाल के पास ‘‘कोई शक्ति’’ नहीं...
More »समझदारी का मोतियाबिंद
जनसत्ता 4 फरवरी, 2013: गार्गा चटर्जी इस घड़ी आशीष नंदी होना आफत को गले लगाना है। तकनीक के इस ताबड़तोड़ दौर में जहां बोले गए शब्द ध्वनि की रफ्तार को पछाड़ रहे हों, उनका अर्थ पीछे छूटता जा रहा, तो यह देख कर जरा भी अचरज नहीं होता कि साहित्य के एक समारोह में आशीष नंदी के ‘जातिसूचक’ शब्दों को कुछ विवाद प्रेमी लोग लपक लें। असल में सांप्रदायिकता के छद्म विरोध...
More »आधार कार्ड यानी धोखे का आधार - सचिन कुमार जैन
आधार यानी विशेष पहचान के आधार को समझिए। लोगों को पहचान देने के नाम शुरू हुआ प्रयास महज 3 साल में ही लोगों के लिए विकास से बहिष्कार और योजनाओं से बेदखली का कारण बनने लगा। इसका मकसद सरकार के गरीबों पर किए जाने वाले खर्च को कम करना बन गया है और दूसरा मकसद है समुदाय को नकद धन देना ताकि वे बाज़ार को फायदे रोशन करें। जनवरी 2009...
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