देश में कृषि उत्पादों के भंडारण, ढुलाई, कीट, बीमारियों के चलते हर वर्ष 60 से 80 हजार करोड़ रूपये का खाद्यान्न नष्ट हो जाता है। इसलिए कृषि वैज्ञानिक ऐसे तकनीके इजाद करें जिससे अनाज की पोस्ट हार्वेस्ट क्षति को रोका जा सके। यह चिंता जताते हुए हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. केएस खोखर ने देश में कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए वर्षा पर निर्भर शुष्क क्षेत्रों के लिए विशेष कार्य...
More »SEARCH RESULT
पौष्टिक है गोल्डन राइस
दुनिया में खाद्यान्न के बढ़ते संकट की चुनौतियों का उपाय तलाशने में जुटे रिसर्च संस्थानों में शामिल फिलीपींस स्थित इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी ईरी के उप महानिदेशक ऑपरेशंस डॉ. विलियम जी पैडोलिना से संजय मिश्र की बातचीत: -उत्पादन बढ़ने के बावजूद विश्व में खाद्यान्न एक बड़ी समस्या बन गया है। आखिर भविष्य में इसकी पर्याप्त उपलब्धता को लेकर गंभीर सवाल क्यों उठाए जा रहे हैं? यह सवाल उठना लाजिमी है,...
More »गोदान : किसान की शोकगाथा--- . गोपाल प्रधान
‘गोदान’ के प्रकाशन के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन भारत का देहाती जीवन आज भी लगभग उन्हीं समस्याओं और चुनौतियों से घिरा दिखता है जिनका वर्णन मुंशी प्रेमचंद के इस कालजयी उपन्यास में हुआ है. गोपाल प्रधान का आलेख सन 1935 में लिखे होने के बावजूद प्रेमचंद के उपन्यास 'गोदान' को पढ़ते हुए आज भी लगता है जैसे इसी समय के ग्रामीण जीवन की कथा सुन रहे हों....
More »प्याज और अंडे सस्ते, खाद्य महंगाई दर गिरी
प्याज, दूध, अंडे, मांस और दाल जैसी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में गिरावट के कारण 16 जुलाई को समाप्त हुए सप्ताह में खाद्यान्न मुद्रास्फीति दर घटकर 7.33 फीसदी हो गई। पिछले दो साल में यह खाद्यान्न मुद्रास्फीति की न्यूनतम दर है। खाद्यान्न मुद्रास्फीति दर में लगातार दूसरे सप्ताह आई इस गिरावट से उपभोक्ताओं और इसे नीचे लाने के लिए पिछले डेढ़ साल से भी अधिक समय से कोशिश कर रहे...
More »राशन पर सरकारी डाका -- प्रशांत कुमार दुबे
सरकार अब राशन में खाद्यान्न की जगह नकद भुगतान करने जा रही है. इसका पायलट फेज दिल्ली की दो बस्तियों में प्रारंभ भी कर दिया गया है. सरकार के इस कदम के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को भी समाप्त करने की कोशिश कर रही है. हालांकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर करने की साजिश तो वर्ष 1991 के बाद से ही शुरु हो...
More »