पिछले दिनों प्रकाश में आई ‘एस्पाइरिंग माइंड्स' की ‘नेशनल इम्पालयबिलिटी रिपोर्ट' चिंतित करने वाली है। यह रिपोर्ट बताती है कि इंजीनियरिंग डिग्री रखने वाले स्नातकों में कुशलता की कमी है और उनमें से करीब अस्सी फीसद स्नातक रोजगार के काबिल नहीं हैं। गौरतलब है कि यह रिपोर्ट देश भर के साढ़े छह सौ से अधिक इंजीनियरिंग कॉलेजों के तकरीबन डेढ़ लाख इंजीनियरिंग छात्रों पर किए गए अध्ययन पर आधारित है।...
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सेहत की कीमत पर विकते खाद्य-- निरंकार सिंह
पिछले दिनों मैगी विवाद ने खाने-पीने की चीजों में मिलावट के मामले को चर्चा का विषय बना दिया था। ताजा मामला डबल रोटी में खतरनाक रसायनों के मिलाने का है। बहुत सारे घरों में सुबह नाश्ते के समय खाई जाने वाली बे्रड और बेकरी के उत्पादों में कैंसर पैदा करने वाले रसायनों का इस्तेमाल हो रहा है। सेंटर फार साइंस एंड इनवार्नमेंट (सीएसई) ने बे्रड, पाव, बन, बर्गर बे्रड और...
More »तोहफा या समाधान
प्रधानमंत्री ने सरकारी अस्पतालों के चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र बढ़ा कर पैंसठ वर्ष करने का एलान किया है। यह एक तबके को खुश करने की कोशिश है, या इसके पीछे चिकित्सा तंत्र को सुधारने की समग्र सोच भी है? अभी तक कुछ राज्यों में चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की उम्र साठ साल और कुछ में बासठ साल है। अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री ने...
More »किसके सपने-- कृष्णप्रताप सिंह
अरसा पहले एक गीत में एक बच्चा अपनी मां से कहता था कि वह गोली चलाना सीखेगा, क्योंकि उसे लीडर नहीं, फौजी अफसर बनना है! कई बार इस गीत को युवा पीढ़ी के अराजनीतिकरण की ‘गर्हित' कोशिशों से भी जोड़ा जाता था। लेकिन अब कोई टॉपर फौजी अफसर बनने की इच्छा भी नहीं दर्शाता। अगर कभी उसके सपनों में समाज सेवा शामिल होती है तो वह एनजीओ है जिसमें बदले...
More »हमारी अम्मा, दीदी और बहनजी - मृणाल पांडे
हालिया चुनावों के नतीजों के साथ ही दो कद्दावर महिला मुख्यमंत्रियों (जयललिता और ममता बनर्जी) ने तमाम ऐतिहासिक साक्ष्यों को नकारते हुए दोबारा अपनी राजनैतिक ताकत का लोहा मनवा लिया। गुजरात में आनंदीबेन की कुर्सी फिलवक्त तो सुरक्षित लगती ही है। अब यदि उत्तर प्रदेश में भी अगले बरस बहिन मायावतीजी फिर सत्ता में आ जाती हैं, तो देश के चार महत्वपूर्ण राज्यों की कमान ताकतवर महिला मुख्यमंत्रियों के हाथों...
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