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अधिग्रहीत जमीन पर फसल बोएंगे किसान

फरीदाबाद. जमीन अधिग्रहण के उचित मुआवजे की मांग को लेकर चंदावली गांव में रविवार को हुई महापंचायत में किसानों ने अधिग्रहित जमीन पर कब्जा नहीं देंगे और दोबारा खेतों पर जुताई शुरू कर फसल पैदा करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा 27 अक्टूबर को एकजुट होकर दिल्ली कूच करने का भी निर्णय लिया। दिल्ली में वे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान खेतों में जुताई का शुभारंभ किसान नेता...

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अब जनगणना में होगी जाति की जानकारी

नई दिल्ली। जाति आधारित जनगणना की अनेक राजनीतिक दलों की मांग के बीच सरकार ने मंगलवार को कहा कि जनगणना में जाति की जानकारी को शामिल करने का फैसला किया गया है। इस संबंध में कैबिनेट की अगली बैठक में औपचारिकता पूर्ण होने की संभावना है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि सभी राजनीतिक दलों ने जाति आधारित जनगणना का समर्थन किया है और इस...

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मानसून सत्र में व्यवधान के चलते 45 करोड़ स्वाहा

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र परमाणु दायित्व विधेयक, सांसदों के वेतन भत्तों में वृद्धि संबंधी विधेयक, भोपाल गैस त्रासदी पर 26 साल बाद चर्चा आदि को लेकर काफी गहमागहमी भरा रहा। इस गहमागहमी में इस बात को अनदेखा कर दिया गया कि सांसदों द्वारा व्यवधान उत्पन्न किए जाने के कारण सरकारी खजाने की करीब 45 करोड़ रुपये की राशि पर पानी फिर गया। महंगाई, किसानों पर फायरिंग, जाति...

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वेदांत- हिन्दुत्व और साम्राज्यवादी मंसूबों का विध्वसंक मिश्रण- रोजर मूडी

विभिन्न देशों के कानून और पर्यावरण नियमों का बड़े पैमाने पर उल्लंघन करने में वेदांत रिसोर्सेज़ की एक अलग पहचान है. कहने को तो यह कम्पनी एक पब्लिक कम्पनी है मगर इसमें वर्चस्व खुले तौर पर केवल एक व्यक्ति, उसके परिवार और इष्ट मित्रों का ही है. इस कम्पनी को इस बात पर भी नाज़ है कि वह हिन्दुत्व और नव-उदार रूढ़िवादिता में समन्वय स्थापित करती है. परेशानी की बात...

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पीपीपी से सावधान -योगेश दीवान

 भूमंडीलकरण-उदारीकरण के इस काल में अचानक एनजीओ या सिविल सोसाइटी समूहों की बाढ़ आना और वह भी शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी, परिवहन और भोजन के मुद्दों पर थोड़ा शक पैदा करता है. खासकर, डब्ल्यूएसएफ की उस पूरी प्रक्रिया के बाद जो कहता था- “एक और दुनिया संभव है.” WSF इस असंभव को संभव बनाया है पीपीपी यानी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के उस मॉडल ने, जो न सीधा निजीकरण है न पूंजीवाद और न...

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