महंगाई के दौर में कल्पना भी नहीं की जा सकती है कि कोई सरकारी स्कूल में 35 रुपये माहवारी पर काम कर रहा होगा। लेकिन इस सच्चाई के जीते- जागते उदाहरण हैं सारमारा जूनियर निम्न बुनियादी विद्यालय के रात्रि प्रहरी अतुल चंद्र बाउरी। अतुल चंद ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपनी व्यथा बताते हुए मदद की गुहार लगायी है। 56 वर्षीय अतुल चंद्र नाकरासोता हरिबोल मंदिर के निकट रहते हैं। वे...
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राशन पर सरकारी डाका -- प्रशांत कुमार दुबे
सरकार अब राशन में खाद्यान्न की जगह नकद भुगतान करने जा रही है. इसका पायलट फेज दिल्ली की दो बस्तियों में प्रारंभ भी कर दिया गया है. सरकार के इस कदम के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि सरकार अपनी संवैधानिक प्रतिबद्धता को भी समाप्त करने की कोशिश कर रही है. हालांकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमजोर करने की साजिश तो वर्ष 1991 के बाद से ही शुरु हो...
More »सब्सिडी का अनोखा खेल-डॉ भरत झुनझुनवाला
वित्त मंत्री ने मन बनाया है कि लाभार्थी को सब्सिडी नगद रूप में दी जाए. वित्त मंत्री के मंतव्य का स्वागत किया जाना चाहिए. गरीब के नाम पर उच्चवर्ग और कंपनियों को पोषित करना उचित नहीं. हमारे धर्मग्रंथों में भी गरीब को नगद देने की बात कही गयी है. सरकार द्वारा डीजल, यूरिया, खाद्यान्न आदि पर सब्सिडी दी जा रही है. आम आदमी समझता है कि इससे उसे राहत मिल रही...
More »असल संत की अंत कथा- आशीष खेतान और मनोज रावत
गंगा को लेकर संतों और खनन माफिया के बीच छिड़ी लड़ाई में उत्तराखंड की भाजपा सरकार ने एक नहीं बल्कि बार-बार और खुल्लमखुल्ला खनन माफिया का साथ दिया है. स्वामी निगमानंद की मौत के पीछे का सच सामने लाती आशीष खेतान और मनोज रावत की विशेष पड़ताल बाबा रामदेव को ध्यान खींचने की कला आती थी. स्वामी निगमानंद के पास यह हुनर नहीं था. इसलिए एक ओर रामदेव विदेशों में जमा...
More »यूआईडी नंबर देने में मध्यप्रदेश पिछड़ा
भोपाल. यूनिक आईडेंटीफिकेशन (यूआईडी) नंबर देने में मध्यप्रदेश दक्षिण भारत के राज्यों से पिछड़ गया है,जबकि मप्र इस प्रोजेक्ट को लांच कराने वाला देश का पहला राज्य है। हालांकि उत्तर भारत के अन्य राज्यों से मध्य प्रदेश आगे है। मप्र के छह जिलों में अब तक ढाई लाख नागरिकों को नंबर जारी हो चुके हैं,जिसमें से डेढ़ लाख से ज्यादा राज्य शासन ने बनाए हैं। यह जानकारी विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के महानिदेशक...
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