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धरती कहे पुकार के

ढ़ती हुई कीमतें उस आपदा का सिर्फ एक संकेत हैं, जिससे खेती जूझ रही है. दरअसल भारतीय कृषि क्षेत्र बुरी तरह से चरमरा रहा है. संकट से पार पाने के लिए नजरिए में बड़े बदलावों की जरूरत है. लेकिन कृषि मंत्री शरद पवार आपदा की इस आहट को सुनने के लिए तैयार नहीं. अजित साही और राना अय्यूब की रिपोर्ट सरकारी नीतियों से लेकर अखबार की सुर्खियों तक तरजीह पाने वाली...

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सब ताज उछाले जाएंगे, सब तख्‍त गिराये जाएंगे- अरुंधति रॉय

दंतेवाड़ा को समझाने के कई तरीके हो सकते हैं। यह एक विरोधाभास है। भारत के हृदय में बसा हुआ राज्यों की सीमा पर एक शहर। यही युद्ध का केंद्र है। आज यह सिर के बल खड़ा है। भीतर से यह पूरी तरह उघड़ा पड़ा है। दंतेवाड़ा में पुलिस सादे कपड़े पहनती है और बागी पहनते हैं वर्दी। जेल अधीक्षक जेल में है, और कैदी आजाद (दो साल पहले शहर की पुरानी जेल से करीब 300...

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कंधे पर रायफल और हाथों में हल

बक्सर [दिलीप कुमार]। 70 के दशक के मध्य में देश में अनाज की कमी को पूरा करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। इस नारे ने देश में ऐसा जोश भरा कि हर शख्स सीमा की रक्षा और धरती मां की सेवा में अपना योगदान देने को आतुर हो उठा। नई पीढ़ी भले ही इस नारे को भूल चुकी हो, लेकिन बक्सर के...

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वलनीः छब्बीस बरस की गवाही

यह कहानी है नागपुर तालुका के गांव वलनी के लोगों की। वलनी में उन्नीस एकड़ का एक तालाब है। वलनीवासी 1983 से आज तक वे अपने एक तालाब को बचाने के लिए अहिंसक आंदोलन चला रहे हैं। छब्बीस वर्ष गवाह हैं इसके। न कोई कोर्ट कचहरी, न तोड़ फोड़, न कोई नारेबाजी। तालाब की गाद-साद सब खुद ही साफ करना और तालाब को गांव-समाज को सौंपने की मांग। हर सरकारी...

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बिहार में होगी दूसरी हरित और श्वेत क्रांति

पटना पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में कृषि उत्पादन चरम पर पहुंचने के बाद अब नीचे खिसक रहा है। यहां अब कृषि विकास की ज्यादा संभावनाएं नहीं हैं। ऐसे में बिहार, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वोत्तर राज्य ही दूसरी हरित क्रांति के केंद्र बनेंगे। केंद्र को चाहिए कि वह इन राज्यों को पर्याप्त वित्तीय सहायता उपलब्ध कराये। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने सोमवार को बिहार...

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