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पुराने शिबू सोरेन को भी जानिए-- अनुज सिन्हा

देश या झारखंड पुराने-संघर्षशील शिबू सोरेन को या तो जानता नहीं है या भूल गया है. उसे पता नहीं है कि कैसे पुराने शिबू सोरेन ने महाजनी प्रथा, सूदखोरों, हड़िया-दारू के खिलाफ और झारखंड अलग राज्य के लिए पारसनाथ की पहाड़ियों व जंगलों में रह कर वर्षों आंदोलन चलाया. जो न तो खुद शराब पीता है और न ही मांस-मछली खाता है. जिस शराबबंदी के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश...

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पर्यावरण और विश्व राजनीति-- बिभाष

पिछले नवंबर का महीना सिर्फ विमुद्रीकरण के ही लिये नहीं जाना जायेगा. नोम चॉम्स्की ने हाल में डेली मिरर को दिये एक इंटरव्यू में कहा कि दो घटनाएं जो आठ नवंबर को घटित हुई हैं, बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. एक ओर जहां, अमेरिका ने डोनाल्ड ट्रंप को अपना नया राष्ट्रपति चुना, वहीं दूसरी घटना है- मोरक्को के मार्राकेश शहर में 7 से 16 नवंबर तक यूनाइटेड नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन...

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जल्द ही खुले में शौच की समस्या से मुक्त होगी दिल्ली

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को खुले में शौच की समस्या से आगामी एक दो महीनों में निजात दिला देने का दावा किया है। केजरीवाल ने मंगलवार को कालकाजी स्थित शौचालय परिसर का उद्घाटन करते हुए कहा कि कैरोसीन मुक्त हो चुकी दिल्ली को अब खुले में शौच की समस्या से भी मुक्ति मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए दिल्ली में 14-15 हजार शौचालयों की जरूरत है। आप सरकार...

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ऐसे तो नहीं रुकेंगी किसानों की आत्महत्याएं -- के सी त्यागी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2014-2015 के दौरान आत्महत्या के मामलों में 42 फीसदी की वृद्धि दर्ज हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2014 में 5,650 किसानों द्वारा आत्महत्या की गई थी, जो वर्ष 2015 में बढ़कर 8,007 तक पहुंच गई। तस्वीर इतनी भयानक तब है, जब इस श्रेणी से कृषि मजदूरों द्वारा की गई आत्महत्या की संख्या बाहर रखी गई है। वर्ष 2014 में कुल 6,710...

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न्यायपालिका में आरक्षण-- डा. शैबाल गुप्ता

सफल पेशेवर होने के लिए मेधा तथा ज्ञान के मेल की जरूरत होती है. मगर चिकित्सा, पुलिस और खासकर न्यायपालिका जैसे पेशों हेतु ‘सामाजिक संवेदनशीलता' नामक एक अतिरिक्त अर्हता आवश्यक है. संवेदनशीलता वस्तुतः एक ‘सामाजिक धारणा' है, जिसे कोई व्यक्ति सामाजिक संरचना में उस वर्ग तथा जाति की स्थिति के आधार पर हासिल करता है, जिसके साथ वह रहता आया है. न्यायिक फैसले लेने में इसकी इतनी जरूरत है कि...

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