हम अपने संविधान की चाहे जितनी आलोचना कर लें और इसे जितना बेकार कह लें, सच यह है कि अब तक इसने ही देश के नागरिकों को सम्मान से जीने का अधिकार दिया है और उस अधिकार के अतिक्रमण को दूर करने का रास्ता भी इसी ने दिया. इसका एक बड़ा उदाहरण है जनहित याचिका. यह जनता के संवैधानिक अधिकारों के इस्तेमाल और अदालत के कानूनी अधिकार से ही संभव हुआ...
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संविधान ने दी गांव के आम लोगों को बड़ी ताकत
देश में हाल के दिनों में गणतंत्र दिवस को लेकर लोगों के मन में एक अलग तरह का दुराव पैदा हो गया है. लोगों को लगता है कि गणतंत्र दिवस मनाना बेकार बात है, झंडा फहराने और परेड करने से क्या फर्क पड़ता है. मगर पिछले दिनों एक दलित महिला विचारक ने कहा कि देश के सभी वंचितों को गणतंत्र दिवस जरूर मनाना चाहिये, क्योंकि इस देश के लोगों को आजादी...
More »रईसों की कारों ने लगाया सरकार की तिजोरी को 12100 करोड़ रुपए का चूना
पूरे देश में हुआ सर्वे देश में सबसे ज्यादा पेट्रोल (61 फीसदी) दोपहिया वाहन फूंकते हैं। कार का स्थान उसके बाद आता है जिसमें 34 फीसदी ही खपत होता है पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन गठित पीपीएसी ने पिछले दिनों मार्केट सर्वे करने वाली फर्म नीलसन इंडिया के साथ मिल कर अखिल भारतीय स्तर पर एक अध्ययन किया इसमें मिले अंाकड़ों से पता...
More »खेतिहर मजदूरों की संख्या घटने का अर्थ
वर्ष 2001 की जनगणना के मुताबिक देश के 58.2 फीसदी कामगार कृषि एवं संबंधित क्षेत्र से अपनी जीविका चला रहे थे. इस तसवीर का दूसरा पहलू यह है कि पिछले दो दशकों में भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र की हिस्सेदारी लगातार कम हुई है. 2012-13 के आर्थिक सर्वेक्षण में यह आंकड़ा 14.1 प्रतिशत था. दोनों आंकड़ों की तुलना करें, तो यह एहसास होगा कि कृषि अब फायदे...
More »चिकित्सा पर्यटन का नया केंद्र- मुकुल श्रीवास्तव
अपने देश में चिकित्सा पर्यटन यानी सस्ती एवं बेहतर चिकित्सीय सुविधाओं एवं सेवाओं के लिए देश के ही भीतर अथवा दूसरे देशों में की जाने वाली यात्रा, पिछले कुछ वर्षों में एक प्रमुख पर्यटन उत्पाद के रूप में उभरी है। इसकी वजह यहां की भौगोलिक विविधता और समृद्ध ऐतिहासिक विरासत और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं हैं, जिस कारण यहां आने वाला मरीज इलाज कराने के साथ-साथ आस-पास के इलाकों में घूमकर स्वास्थ्य लाभ भी...
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