आमतौर पर बच्चों के सामने किसी गंभीर बात पर चर्चा करते हुए हम सोचते हैं कि बच्चा है, नहीं समझेगा। लेकिन कई बार हमारी यह समझ उनकी समझ के आगे बौनी हो जाती है। जैसे वक्त के साथ हर चीज बदल रही है, वैसे ही बचपन भी बदल रहा है। मासूम और नादान बचपन अब समझदार और परिपक्व हो रहा है। इसमें कोई संदेह नहीं कि बचपन को संवारने या...
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'मास्साब, कछु न कइयो, पढ़बै सो ठीक... न पढ़ै सो ठीक'
छतरपुर से रुमनी घोष। स्कूली परीक्षा में फेल होने पर बच्चों की खुदकुशियों से माता-पिता में खौफ में हैं। इतने खौफ में कि स्कूल पहुंचकर शिक्षकों के सामने गुहार लगाने लगे हैं कि "मास्साब, कछु न कइयो, पढ़बै सो ठीक... न पढ़ै सो ठीक। बस हमाई आंखन के सामने रओ आए।" ऐसे हालात बने हैं बुंदेलखंड में। वही बुंदेलखंड, जहां 12वीं में 75 फीसदी अंक आने के बावजूद 17 वर्षीय...
More »दिव्यांग आवास में 49 बच्चों के बीच एक टूथब्रश
नई दिल्ली। सरकारी सहायता से दिव्यांग बच्चों के लिए चलाए जाने वाले घर में 49 बच्चे सिर्फ एक ही टूथब्रश का इस्तेमाल करते हैं। ये तथ्य किसी संगठन ने नहीं बल्कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस एच एल दत्तू ने सामने रखा है। जस्टिस दत्तू के मुताबिक दो साल पहले उन्होंने इस तरह का मंजर देखा था। जस्टिस दत्तू ने अंग्रेजी अखबार द टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में...
More »आत्महत्या करनेवालों में किशोर और युवा सबसे आगे
टूट रही नयी पीढ़ी को सहारा देनेवाली डोर देश की नयी पीढ़ी में तनाव और अवसाद किस कदर बढ़ रहा है, इसका स्पष्ट संकेत लंदन की प्रतिष्ठित पत्रिका लांसेट में छपी ताजा रिपोर्ट से मिलता है. रिपोर्ट के मुताबिक हमारे देश में किशोरों और युवाओं की मौत का अब सबसे बड़ा कारण आत्महत्या है. हालांकि राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े पहले ही बता चुके हैं कि भारत में आत्महत्या करनेवालों...
More »फेल होने की वजह पूछने पर स्कूल से मिला एक करोड़ का नोटिस
आगरा में एक पिता को बेटे के फेल होने की वजह स्कूल से पूछना और संयुक्त शिक्षा निदेशक से शिकायत करना उस समय भारी पड़ गया, जब उस प्रतिष्ठित स्कूल की ओर से एक करोड़ रुपए का मानहानि का नोटिस भेज दिया गया. इसके साथ ही बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया. अब पीड़ित पिता ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए डीएम से शिकायत करने के साथ ही सड़क...
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