एक अर्थशास्त्री के रुप में आपने सरकार के किसी रुझान पर अंगुली उठाई हो, कहा हो कि सरकार के प्रवक्ता ऐसे रुझान से बाज आएं लेकिन एक प्रशासक के रुप में आप पर उसी रुझान से सोचने-बरतने की नैतिक जिम्मेवारी आन पड़े तो आप क्या करेंगे? सितंबर महीने में अर्थशास्त्री राजीव कुमार जब देश के आर्थिक विकास की नीति और कार्य-योजना तैयार करने की शीर्ष संस्था नीति आयोग के उपाध्यक्ष पद...
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सस्ती दवाएं देने के बाद भी कंपनियों को होगा 40 फीसदी मुनाफा
भोपाल, नवदुनिया प्रतिनिधि। मरीजों को सस्ती व गुणवत्ता वाली दवाएं देने के लिए केंद्र सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। 10 गुना (1 हजार फीसदी) तक महंगे दामों पर दवाओं को बेचने वाली कंपनियों पर लगाम कसने के लिए नेशनल फार्मास्यूटिकल पॉलिसी 2017 का मसौदा तैयार हो गया है। हालांकि इसके बाद भी कंपनियां अधिकतम 35 से 40 फीसदी (1 गुना से भी कम) मुनाफा मरीजों से वसूल सकेंगी। नेशनल...
More »जुगाड़ की मानसिकता और दुर्घटना-- रघु दयाल
शनिवार को मुजफ्फरनगर के खतौली में हुए रेल हादसे से कई सवाल निकलते हैं। यह ट्रेन पटरी से क्यों उतरी? क्या इस हादसे से बचा जा सकता था? यदि जरूरी परिचलान प्रक्रिया का पालन किया जाता, तो वाकई इस हादसे को टाला जा सकता था। शुरुआती तथ्य इसी ओर इशारा कर रहे हैं कि ज्वॉइंट पर फिश प्लेट टूटी हुई थीं और मरम्मत करने वाले इंजीनियरों ने 20 मिनट के...
More »बाढ़ जनित समस्या का प्रबंधन-- डा. गोपाल कृष्ण
आम तौर पर सरकारी और गैर-सरकारी संस्थाएं बाढ़ जनित समस्या से चकित होने का स्वांग करती हैं. हिमालय के गंगा और ब्रह्मपुत्र नदी घाटी जैसे क्षेत्रों में सदियों से नदी के भूमि बनाने के अपने नैसर्गिक कार्य के लिए बाढ़ का जन्म होता रहा है. मौजूदा बाढ़ में खबरों के अनुसार अभी तक बिहार में 18 जिलों में 200 से अधिक लोग मौत के शिकार हुए हैं. पश्चिम...
More »बंजर में तब्दील होती मिट्टी -- रमेश कुमार दूबे
जिस रफ्तार से मिट्टी की उर्वरता में ह्रास हो रहा है उसे देखते हुए आने वाले वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन का लक्ष्य हासिल हो पाएगा इसमें संदेह है। मांग के अनुरूप अन्न पैदावार में बढ़ोतरी की चुनौती तो भविष्य की बात है, कुपोषण की व्यापकता तो हमें कब का घेर चुकी है। यही कारण है कि भरपेट खाने के बावजूद कमजोरी महसूस होती है। परिवार के बुजुर्ग यह शिकायत करते...
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