एक अबोध मन की कल्पना इस दुनिया की सबसे सुंदर रचना होती है। कभी किसी छोटे-से बच्चे को निहारिए। वह सबसे बेखबर अपनी ही दुनिया में खोया होता है। जाने वह क्या देखता है! अनायास कभी वह मुस्करा देता है तो कभी भयभीत हो जाता है। कभी खुद से बात करने की कोशिश करता है तो कभी वह सोच की मुद्रा में पड़ जाता है। तब उसे यह नहीं पता...
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खुलासाः भारत में नवजात बच्चों में दिल की बीमारियों में इजाफा
नई दिल्ली। स्वस्थ भारत और समृद्ध भारत के लिए स्वस्थ बच्चों का होना जरूरी है। लेकिन एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के मुताबिक नवजात बच्चे दिल की बीमारियों की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। सवाल ये है कि गर्भ में पल रहे बेजुबान मासूम आखिर इस समस्या से क्यों दो चार हो रहे हैं। इसका जवाब सीधा और सपाट है गर्भ मेें पल रहे बच्चों के पेट में फैट...
More »गांवों में किफायती व गुणवत्तापूर्ण प्री-स्कूलिंग
यह बात वर्ष 2002 की है़ आइआइटी मद्रास से इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर इनफोसिस में नौकरी कर रहे उमेश मल्होत्रा टीवी पर एक डॉक्यूमेंट्री देख रहे थे, जो ग्रामीण परिवेश में रहनेवाले बच्चों की शिक्षा से जुड़ा था़ तब उनके मन में एक विचार आया कि क्यों न ऐसे क्षेत्रों में लाइब्रेरी की शुरुआत की जाये, जिनमें बच्चे अपनी मर्जी से किताबें लेकर उन्हें पढ़ सकें. इस योजना पर...
More »स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए गांव-गांव पिटवाएंगे डोंडी
शाजापुर। गर्मी की छुट्टियों में मध्यान्ह भोजन दिए जाने की योजना में बच्चों की लगातार कम संख्या चिंता का सबब बन गई है। हालत यह है कि स्कूलों में बच्चे कम संख्या में पहुंच रहे हैं। बच्चों की संख्या बढ़ाने के लिए अब गांव-गांव डोंडी पिटवाए जाने के साथ ही अन्य प्रयास भी किए जाएंगे। इस वर्ष जलस्रोतों के जल्दी दम तोड़ने के चलते जिले को सूखाग्रस्त घोषित किया जा चुका...
More »मकसद, भविष्य गढ़ना!-- हरिवंश
बच्चों के खिलाफ हर दिन हिंसा होती है. चाहे वह पारंपरिक रूप में हो या अनुशासन के रूप में. इसे आज ही समाप्त किया जाना चाहिए. बच्चों के खिलाफ हिंसा की समाप्ति के लिए झारखंड में एक अभियान ‘‘अब और नहीं. मत छुपाओ, आवाज उठाओ'', की शुरुआत की गयी है. इस अभियान का मकसद, भविष्य गढ़ने से है. ‘बच्चों को हिंसा से बचाने' की जागरूकता, कोशिश या अभियान एक नयी...
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