SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 770

रायपुर : 108 डायल करते ही पहुंचेगी संजीवनी एक्सप्रेस

रायपुर.संजीवनी एक्सप्रेस एंबुलेंस 25 जनवरी से दौड़ने लगेगी। 108 डायल करते ही यह 15 मिनट में पहुंच जाएगी। बीमारों और घायलों को अस्पताल पहुंचाकर उनकी जिंदगी बचाने में यह मददगार साबित होगी। इसके एवज में न तो एंबुलेंस का किराया लिया जाएगा और न ही पेट्रोल खर्च। संजीवनी एक्सप्रेस बिलकुल मुफ्त में मदद करेगी। एंबुलेंस बुलाने के लिए फोन करने का भी शुल्क नहीं लगेगा। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह इस सुविधा का...

More »

किसानों की हत्या पर मुहर--- देविंदर शर्मा

जीएम फसलें एक बार फिर चर्चा में है. मा‌र्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने अपनी पूर्ववर्ती नीति से पलटी मारकर अब सार्वजनिक रूप से जीएम फसलों को समर्थन देना शुरू कर दिया है. बहस गरमा रही है. यह उसी लाइन पर जा रही है, जिस पर शरद पवार जोर दे रहे है. इसमें हैरत की बात नहीं है. मैं देर-सबेर इसकी उम्मीद कर रहा था. आखिरकार, विकिलीक्स पहले ही खुलासा कर चुका है...

More »

अस्पताल पहुंचेगा आपके द्वार

ग्वालियर. सुदूर गांव में रहने वालों को अब उपचार के लिए शहर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। ग्रामीणों को उनके गांव में ही उपचार मिल सके, इसके लिए लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग दीनदयाल चलित अस्पताल प्रारंभ करने जा रहा है। ग्वालियर सहित प्रदेश के ३३ जिलों में यह सुविधा संभवत: जनवरी के अंतिम सप्ताह से प्रारंभ हो सकती है। आमतौर पर देखा जाता है कि सुदूर गांव में रहने वाले...

More »

अब गांवों से निकलेंगे ग्रामीण डॉक्टर

नई दिल्ली [मुकेश केजरीवाल]। डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहे गांवों को इस साल नई सौगात मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय देश के सभी जिलों में एक 'मेडिकल स्कूल' खोलने की तैयारी में है। यहां गांव के ही प्रतिभाशाली छात्रों को चुन कर डॉक्टरी सिखाई जाएगी और फिर उन्हें गांवों में ही काम करने को कहा जाएगा। इससे ग्रामीणों की जिंदगी से खिलवाड़ करने वाले झोला छाप चिकित्सकों पर अंकुश लग सकेगा। ...

More »

कुपोषण की चपेट में सहरिया जनजाति के नौनिहाल-एएचआरसी

परंत, राजवीर, रामकुमारी,सन्नी- ये नाम घनघोर कुपोषण में दम तोड़ने वाले बच्चों के हैं। 3 साल या फिर इससे भी कम उम्र के सभी बच्चे मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले गांवों में आबाद सहरिया जनजाति के हैं। आशिक, कुलदीप,पवन और मालती जैसे कुछ बच्चे और हैं, ये भी सहरिया जनजाति के ही हैं और कुपोषण की चपेट में इनका भी दम किसी क्षण टूट सकता है।(देखें लिंक संख्या-1) मानवाधिकारों के मोर्चे पर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close