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शिक्षा को 'व्यापार' बनाने के खतरे - हरि जयसिंह

कहा जाता है कि विकास केवल स्वतंत्र और पारदर्शी माहौल में ही संभव है। शैक्षिक और अकादमिक जगत के लिए भी यह सच है। शैक्षिक जगत में स्वतंत्रता और पारदर्शिता को केवल तभी कायम रखा जा सकता है, जब महत्वपूर्ण पदों पर चयन और नियुक्तियों में केवल और केवल योग्यता का खयाल रखा जाए और किसी तरह का कोई पक्षपात न किया जाए। वास्तव में गुणवत्ता के मानदंड शैक्षिक प्रक्रिया...

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देश को सीटीओ की दरकार- राजीव चंद्रशेखर

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम लोगों को सशक्त बनाएगा और वास्तव में भारत को बदल डालेगा। मौजूदा केंद्र सरकार ने 'न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन' का जो वायदा किया है, उसे साकार करने में यह प्रमुख भूमिका निभा सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'न्यूनतम सरकार' की परिभाषा में एक ऐसे सरकार की परिकल्पना है, जिसमें मंजूरी की आवश्यकता न्यूनतम हो और नागरिकों के साथ उसका निरंतर संवाद हो। इसी तरह से 'अधिकतम...

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वैश्विक संकट से लड़ने की रणनीति- भरत झुनझुनवाला

पिछले माह में विश्व अर्थव्यवस्था की तसवीर बदल गयी है. पहले ग्रीस (यूनान) का संकट आया. ग्रीस ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से लिये डेढ़ अरब डॉलर के ऋण का रिपेमेंट नहीं किया. आनेवाले समय में लगभग दस अरब डॉलर के ऋण का रिपेमेंट ड्यू होने को है, जिसका पेमेंट भी वह देश नहीं कर पायेगा. फिलहाल ग्रीस तथा यूरोपीय यूनियन के बीच समझौता हो गया है. यह समझौता टिकाउ नहीं होगा,...

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बाज आएं जातिवाद की सियासत से- संजय गुप्त

जातिगत जनगणना के आंकड़ों की आड़ में हो रही राजनीति के बीच केंद्रीय वित्तमंत्री ने यह स्पष्ट करके अच्छा किया कि राज्यों को ये आंकड़े पहले ही भेजे जा चुके हैं और वे जातियों-उपजातियों, गोत्रों आदि के असमंजस को दूर कर दें तो फिर तर्कसंगत वर्गीकरण का काम शुरू हो। यह काम 'नीति आयोग" की एक समिति करेगी और फिर जातिवार आंकड़ों को देश के सामने लाया जाएगा। 2011 की जनगणना...

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गांवों की अनदेखी से विकास असंभव- उमेश चतुर्वेदी

उदारवादी अर्थव्यवस्था के इस दौर में भी भारतीय अर्थव्यवस्था यदि खेती-किसानी और उसके जरिये जीने वाले गांवों पर टिकी हुई है, तो मान लेना होगा कि हजारों वर्षों से चली आ रही भारतीयता की परंपरा अब भी बनी हुई है। आर्थिक नीतियों की कामयाबी और नाकामी का पैमाना अब अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों फिच और मूडी की रिपोर्टों और उनके आकलन के आधार पर तय होता है। हाल ही में मूडी...

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