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महिलाओं की कंपनी ‘साथी’ ने केले के फाइबर से बनाया ‘सैनेटरी पैड’-- रजनीश आनंद

केला स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से तो एक फायदेमंद फल है, इस बात से तो हम सब वाकिफ हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि केले के पेड़ से सेनेटरी नैपकिन भी बन सकता हैं? अगर आप नहीं जानते तो यह जानकारी आपके लिए बहुत फायदेमंद है. अहमदाबाद की एक कंपनी ‘साथी' ने माहवारी स्वच्छता के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन के लिए एक सौ प्रतिशत ‘बायोडिग्रेडेबल' नैपकिन बनाने की...

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खतरे में बैंक वालों की नौकरी, 5 साल में 30% हो सकते हैं बेरोजगार

मुंबई। बैंकों के कुछ काउंटर हमेशा के लिए बंद होने वाले हैं। मसलन, पासबुक अपडेट करने वाले क्लर्क नजर नहीं आएंगे। उनके जैसे कुछ अन्य बैंक कर्मचारियों की भी जरूरत नहीं रह जाएगी। ऑटोमेशन के दौर में ऐसी नौकरियां खत्म हो रही हैं। कुछ बैंक शाखाओं में ये बदलाव अभी से नजर आने लगे हैं। ग्लोबल बैंकिंग कंपनी सिटीग्रुप को साल 2008 के वित्तीय संकट से उबारने वाले विक्रम पंडित ने...

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नोटबंदी ने बदल दी आम लोगों की निवेश की आदत : RBI की रिपोर्ट

नई दिल्ली। नोटबंदी के परिणामों को लेकर केंद्र सरकार भले ही विपक्ष के निशाने पर है। अर्थव्यवस्था में पिछली तिमाही में आई मंदी के लिए भी इसे जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। लेकिन अर्थव्यवस्था से जुड़े जो नए आंकड़े सामने आ रहे हैं उससे यह पता चलता है कि इसकी वजह से आम जनता में निवेश की आदत बदली है। आरबीआइ की तरफ से शुक्रवार को देश की अर्थव्यवस्था पर जारी रिपोर्ट...

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'पंजाब जैसे न हो जाएं MP के हालात, कई क्षेत्रों में विकास दर नीचे'

भोपाल। नीति आयोग ने मप्र सरकार को आईना दिखाते हुए कहा है कि प्रदेश ने कृषि क्षेत्र में भले ही विकास किया हो, लेकिन अन्य क्षेत्रों में प्रदेश राष्ट्रीय औसत से भी पीछे है। नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र ने सोमवार को मप्र के विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मप्र को पंजाब मत बनाइए। यह अच्छी बात है कि कृषि क्षेत्र में...

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आदिवासी स्त्रियों का शोषण रोकने सुरक्षा कवच जरूरी - रमेश नैयर

ढाई-तीन दशक से मनुष्यों का आखेट क्षेत्र बने हुए बस्तर के अनेक अप्रिय सच सामने आने लगे हैं। बस्तर की वे अल्हड़ युवतियां, जो घने जंगल में मुक्त विचरण करते हुए शेर और भेड़िये से भी नहीं डरा करती थीं, अब दो पैरों वाले नृशंस पशुओं की छाया से भी थरथराने लगी हैं। कटु सत्य यह है कि वे कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। बालिका छात्रावासों में शिक्षकों और अन्य...

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