हमने विकास का सबसे बड़ा मापदंड सकल घरेलू उत्पाद की दर को माना है। किसी भी देश की प्रगति उसकी जीडीपी के आधार पर तय की जाती है। इसमें उद्योग, सुविधाएं, रियल इस्टेट बिजनेस, सेवाएं आदि मुख्य रूप से आते हैं। सही मायने में खेती को ही जीडीपी या उत्पादन की श्रेणी में आना चाहिए, क्योंकि अन्य उत्पाद हमारी सुविधाओं से जुड़े हैं, न कि आवश्यकताओं से। विकास की मौजूदा अवधारणा...
More »SEARCH RESULT
बहू बनायेगी गांव को स्वच्छ
विकास योजनाओं को धरातल पर लाने में गांवों में नियुक्त जल सहिया का महत्वपूर्ण योगदान होता है. झारखंड में प्रत्येक राजस्व गांव में ग्राम स्तर पर पेयजल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया है और प्रत्येक राजस्व गांव में एक जल सहिया की नियुक्ति की गयी है. स्थानीय स्तर पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने व गांव को स्वच्छ बनाने की जिम्मेवारी जल सहिया की होती है. इसके अलावा अन्य...
More »बात आदर्श विधायिका की- ।।हरिवंश।।
टाइम ’ में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर छपे लेख ‘द अंडरएचीवर ’ पर पूरी भारतीय राजनीति में तीखी बहस हुई. पर इसी लेख में एक अत्यंत महत्वपूर्ण टिप्पणी हैं. भारतीय संसद पर. दरअसल, भारतीय राजनीति में संवेदना, चरित्र और सिद्धांत शीर्ष होते, तो बवाल या बवंडर इस अंश पर होना चाहिए था. यह टिप्पणी सब पर है, पक्ष-विपक्ष समेत पूरी राजनीति पर. संसद कितना कामकाज करती है? गुजरे सत्र में सिर्फ...
More »भारत की आधुनिकता का बड़बड़झाला- कृष्ण कुमार
तमिलनाडु के मदुरैई जिले की एक स्कूल प्राचार्या ने उन दो लड़कियों को स्कूल में प्रवेश देने से मना कर दिया जिनका विवाह उनके माता पिता ने कक्षा 10वीं पास करने के बाद कर दिया था। प्रारंभिक तौर पर यह ऐसा लगता है कि प्राचार्या ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया। साथ ही व्यापक सामाजिक संदर्भ में यह बड़ा अजीब लगता है और यह अस्वीकार्य भी है कि किसी लड़की को शिक्षा का...
More »अब स्कूलों में होगी शेयर कारोबार की पढ़ाई
नयी दिल्ली : भारत में वित्तीय साक्षरता जल्द ही स्कूली सिलेबस का हिस्सा होगी. केंद्र सरकार ने 50 करोड़ भारतीयों को अगले पांच सालों में वित्तीय साक्षर बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके तहत बुनियादी शिक्षा में करेंसी, बचत, कर्ज की जरूरत, बैंकिंग, निवेश, शेयर ट्रेडिंग, वित्तीय घोटाले, रीयल एस्टेट जैसे विषय शामिल होंगे. वित्तीय साक्षरता की इस मुहिम में सरकार अनपढ़ों, गृहणियों, असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी शामिल...
More »