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न्यूज क्लिपिंग्स् | बहू बनायेगी गांव को स्वच्छ

बहू बनायेगी गांव को स्वच्छ

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published Published on Aug 13, 2012   modified Modified on Aug 13, 2012

विकास योजनाओं को धरातल पर लाने में गांवों में नियुक्त जल सहिया का महत्वपूर्ण योगदान होता है. झारखंड में प्रत्येक राजस्व गांव में ग्राम स्तर पर पेयजल एवं स्वच्छता समिति का गठन किया गया है और प्रत्येक राजस्व गांव में एक जल सहिया की नियुक्ति की गयी है. स्थानीय स्तर पर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने व गांव को स्वच्छ बनाने की जिम्मेवारी जल सहिया की होती है. इसके अलावा अन्य कार्यो का दायित्व भी सहिया पर होता है, जिनमें गांव में चापाकल की व्यवस्था, उनकी मरम्मत, गंदे जल का निस्तारण, कचरा पेटी का निर्माण आदि शामिल हैं. निर्मल भारत अभियान के झारखंड राज्य के समन्वयक डॉ. रवी़द्र बोहरा की रिपोर्ट.


जल सहिया गांव में पेयजल व स्वच्छता के लिए एक जिम्मेवार महिला होती है. यह आवश्यक है कि जल सहिया कोई महिला ही होगी, जो गांव की कोई भी विधवा या विवाहित महिला हो सकती है. उसे मैट्रिक पास होना चाहिए, उसकी उम्र 25-45 वर्ष के बीच होनी चाहिए. गांव में मैट्रिक पास महिला के नहीं होने की स्थिति में आठवीं पास महिला भी जल सहिया बन सकती है. जल सहिया को उसके कार्य के परिणाम व प्रदर्शन के आधार पर प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है. जल सहिया समुदाय के बीच पेयजल व स्वच्छता के लिए जिम्मेवार होती है. वह गांव के लोगों को शौचालय के उपयोग के बारे में जानकारी देने का कार्य करती है. खुले में शौच करने से लोगों को होनेवाली हानि से अवगत करना जल सहिया का कार्य है. विद्यालय और आंगनबड़ी में संपर्क कर बच्चों को साबुन से हाथ धोना, डंडी वाले लोटे का उपयोग करना, शौचालय का उपायोग करना आदि को लेकर जागरूकता लाना उसका काम है. उसे गांव के लोगों से संपर्क के दौरान जल जनित बीमारियों, कूड़ा-कचरा के निबटान, पेयजल का रख-रखाव, जलस्नेतों के संरक्षण और उसकी सुरक्षा की जानकारी देनी होती है. साथ ही वह बेकार पानी के निबटान के लिए योजना भी बनाती है. जल सहिया के चुनाव में जलभरवा या पनभरवा को या उनके पारिवारिक सदस्य को वरीयता दी जा सकती है. जल सहिया ग्राम जल व स्वच्छता समिति की कार्यकारी सदस्य व पदेन कोषाध्यक्ष का कार्य देखती है.
जल सहिया की भूमिका व उत्तरदायित्व
गांव-समुदाय में पेयजल व स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाना जल सहिया का उत्तरदायित्व है. वह घर-घर जाकर लोगों से मिलती है और समुदाय के साथ समय-समय पर बैठक भी करती है. बैठक में तैयार डाटा संकलन करना व प्रतिवर्ष आकड़ों को अद्यतन बनाने की जिम्मेवारी जल सहिया पर होती है. इसमें गांव में एपीएल-बीपीएल परिवार, उनकी जाति, लिंग, उम्र, शिक्षा, व्यवसाय, शौचालय की उपलब्धता एवं उसका उपयोग, खुले में शौच जाने वालों की संख्या, बच्चों की शौच का निबटान, हाथ धोने की प्रवृत्ति, जलजनित बीमारियां, कचरे का निबटान, पेयजल का रख-रखाव आदि शामिल हैं. यह जल सहिया का ही कार्य होता है कि वह पेयजल स्नेत का सर्वेक्षण एवं नमूनों की जांच करे. सभी पेयजल स्नेत का स्वच्छता सर्वेक्षण और सरकारी पेयजल स्नेतों की गुणवत्ता जांच के लिए नमूना का संकलन और फिर उसे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग को उपलब्ध कराने का काम जल सहिया का है.
संस्थागत स्वच्छता : स्कूल एवं आंगनबाड़ी केंद्रों का निरंतर भ्रमण करना जल सहिया का काम है. भ्रमण के दौरान वह बच्चों व शिक्षकों को शौचालय की साफ-सफाई एवं इसके उपयोग, शुद्घ पेयजल, साबुन से हाथ धोने के बारे में बताती है. उसे गांव में प्रभात-फेरी निकालकर लोगों के बीच ग्रुप चर्चा और स्वच्छता प्रतियोगिता का आयोजन करना होता है. बाल संसद को मजबूत करने में जल सहिया की भूमिका अहम है.
सामुदायिक स्वच्छता : शुद्घ पेयजल, स्वच्छता सुविधा, स्वास्थ्य, बेकार पानी एवं गैस पदार्थ के सही निबटान के मूल्यांकन के लिए जल सहिया मासिक ग्रामसभा का आयोजन करती है. वह ग्राम पंचायत सदस्यों के साथ समन्वय स्थापित करती है. इसके साथ ही स्वयं सहायता समूह से समन्वय स्थापित करती है. इस कार्य में उसे आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग लेना है.
घरेलू एवं व्यक्तिगत स्वच्छता : जल सहिया गांव, स्कूल व घरों में शौचालय निर्माण के लिए राजमिस्त्रियों का चयन करती है एवं विभाग से मिलकर उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था करती है. वह गांव के लोगों से मिलकर उन्हें इस बात के लिए प्रेरित करती है कि वे अपने घरों में शौचालय बनायें. यहां वह शौचालय के फायदे को भी बताती है. गांव के ऐसे लोग जो शौचालय निर्माण कराना चाहते हैं, ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की सहायता से वैसे घरों में शौचालय का निर्माण कराती है.
जल सहिया के प्रशासनिक उत्तरदायित्व
जल सहिया ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक समय-समय पर आयोजित करती है. दो बैठकों के बीच का अंतराल तीन महीने से अधिक नहीं होना चाहिए, यह जल सहिया की जवाबदेही है. वह प्रत्येक ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की बैठक की कार्यवाही बनाती एवं उपस्थिति पंजिका का संधारण करती है. उसपर ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति (वीडबल्यूएससी) के सभी कागजात, पंजिका, बैंक पासबुक, चेकबुक इत्यादि को संधारित रखने, ग्राम अंतर्गत जल एवं स्वच्छता योजनाओं का निरीक्षण करने एवं कार्यकारी संस्थाओं को सुधार के उपायों के लिए सुझाव देने का उत्तरदायित्व होता है.
ग्राम सभा करती है जल सहिया का चयन
ग्राम जल व स्वच्छता समिति ग्राम सभा का संविधान बनाती और उसे पारित करती है. जल सहिया का चुनाव ग्राम सभा द्वारा किया जाता है. ग्राम सभा ही जल सहिया एवं ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति के कार्यो की समीक्षा करती है. संपूर्ण स्वच्छता अभियान एवं राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के क्रियान्वयन की जिम्मेवारी ग्राम सभा की होती है. ग्राम सभा सामाजिक अंकेक्षण का कार्य करती है.


http://www.prabhatkhabar.com/node/190556?page=show


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