नई दिल्ली। डाक बैंक स्थापित करने के प्रस्ताव को ‘पासा पलटने वाला’ प्रस्ताव बताते हुए उद्योग मंडल एसोचैम ने आज कहा कि इससे देश में हर किसी को बैंकिंग दायरे में लाने में जबरदस्त मदद मिलेगी और साथ ही इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बचत व निवेश का स्तर बढ़ेगा। उल्लेखनीय है कि डाक विभाग ने बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। रिजर्व बैंक द्वारा छांटी गई इकाइयों को जनवरी, 2014...
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सूपेड़ी और लूंधीया बने पानीदार गांव
गुजरात के सुप्रसिद्ध लोक साहित्यकार स्वर्गीय झवेरचंद मेघाणी ने आजादी के कुछ ही वर्ष पूर्व सौराष्ट्र की लोक कथाओं में अनेक नदियों में आई बाढ़ का उल्लेख किया है. आज वही सौराष्ट्र पिछले कुछ समय से अकाल ग्रस्त और सूखा ग्रस्त क्षेत्र घोषित होने लगा है. आजादी के 50 वर्ष में ही गुजरात की छोटी-बड़ी सभी नदियां सूख गईं और कृषि प्रधान गुजरात अब सूखाग्रस्त गुजरात हो गया. कभी सागर के नाम से...
More »ये मुखिया मैडम भी हैं और सहिया दीदी भी
पूर्वी सिंहभूम के पोटका पंचायत की मुखिया पानो सरदार रोज सुबह सवेरे अपनी साइकिल पर सवार होकर निकल जाती हैं और अपने गांव के घर-घर जाकर लोगों को स्वास्थ्य से जुड़े मसलों पर जागरूक करती हैं और अगर कोई व्यक्ति रोग से पीड़ित नजर आया तो उसे अस्पताल ले जाकर उसका इलाज भी करवाती हैं. उनकी इस यात्र के दौरान गांव के लोग उनसे मिलकर पंचायत से जुड़ी समस्याओं का निराकरण...
More »गांव की सेहत का पहिया है सहिया दीदी
झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अब भी काफी खराब है. गांव में समय पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलने के कारण ही यहां गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों की असमय मौत हो जाती है. भारत सरकार ने इस समस्या को समझते हुए हर गांव में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात किया है. देश के दूसरे राज्यों में इन्हें आशा कहा जाता है, जबकि झारखंड में इन्हें सहिया...
More »कुप्रबंध की संस्कृति- हरिवंश
देश, वाचाल वृत्ति, बौद्धिक विलासिता, पर-उपदेश वगैरह की ‘लचर जीवन संस्कृति’ से नहीं चलता. आज के भारत में सरकार, राजनीति से लेकर समाज स्तर पर यही जीवन संस्कृति है. अमर्त्य सेन जिस ‘आर्ग्यूमेंटेटिव इंडिया’ (बहस में डूबे भारत) की बात करते हैं, उसे जमीन पर देखें-समझें तो बात ज्यादा स्पष्ट और साफ होती है. मूलत: हम बातूनी लोग हैं, बिना कर्म बात-बहस करनेवाले. किसी के बारे में कुछ भी टिप्पणी....
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