आज जलवायु परिवर्तन पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय है. मौसम का चक्र बदल रहा है. कभी बिन मौसम भारी बरसात, तो कभी बारिश के मौसम में सूखा. कभी असमय भारी बर्फबारी, तो कभी धुंध. धरती गर्म हो रही है. ग्लेशियर पिघल रहे हैं. जलस्तर बढ़ने के कारण समुद्र से घिरे द्वीपीय इलाकों के डूबने का खतरा पैदा हो रहा है. इनके सबकी वजह है बढ़ता प्रदूषण और पर्यावरण का...
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ऊर्जा संरक्षण के साथ करोड़ों लोगों के घरों का अंधेरा दूर कर सकती है एलइडी टेक्नोलॉजी- कन्हैया झा
नयी दिल्ली: स्वीडन की शाही विज्ञान अकादमी की नोबेल पुरस्कार समिति ने भौतिकी के क्षेत्र में वर्ष 2014 का नोबेल पुरस्कार दो जापानी वैज्ञानिकों प्रोफेसर इसामू अकासाका, हिरोशी अमानो और एक अमेरिकी वैज्ञानिक शुजी नाकामुरा को देने की घोषणा की है. इन तीनों वैज्ञानिकों को यह पुरस्कार ब्लू लाइट एमिटिंग डायोड (एलइडी) का आविष्कार करने के लिए दिया जायेगा. एलइडीबिजली की खपत कम करने में सक्षम होने के साथ-साथ रोशनी...
More »नोबेल शांति पुरस्कार का पैगाम - सत्येंद्र रंजन
भारत के कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के संयुक्त रूप से नोबल शांति पुरस्कार से सम्मानित होने पर बेशक दोनों देशों के वंचित समूहों के बच्चों और उनके अधिकारों पर नए सिरे से रोशनी पड़ेगी। सत्यार्थी के 'बचपन बचाओ आंदोलन" ने इस कड़वी हकीकत से देश को परिचित कराए रखा है कि बंधुआ मजदूरी को अपराध बनाने, बाल मजदूरी को गैरकानूनी ठहराने और प्राथमिक शिक्षा को मूल अधिकार...
More »सुविधाओं से लैस होगी सांसद आदर्श ग्राम योजना- अंजनी कुमार सिंह
नयी दिल्ली : लोकनायक जयप्रकाश नारायण के जन्म दिवस 11 अक्तूबर को पीएम मोदी सांसद आदर्श ग्राम योजना (एसएजीवाइ) की शुरुआत करने जा रहे हैं. योजना के तहत लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को एक गांव गोद लेनी होगा. उस गांव का विकास करना होगा. सांसद अपने पति या पत्नी के गांव को गोद नहीं ले सकते हैं. मोदी ने अपने लाल किला के भाषण में ही इसकी घोषणा की...
More »मलेथा ने एक बार फिर सबको राह दिखाई- अनिल प्रकाश जोशी
माधोसिंह भंडारी ने कभी नहीं सोचा था कि वह जिस गांव में पानी लाने के लिए अपना जीवन लगा देगा और अपने पुत्र की बलि भी दे देगा, सरकार उसी गांव को प्रदूषण की बलि चढ़ा देगी। सोलहवीं शताब्दी में उत्तराखंड के गांव मलेथा में माधोसिंह भंडारी ने एक ऐसा इतिहास रचा, जो हर सदी में याद किया जाएगा। यह गांव कुछ भी पैदा करने में असमर्थ था, क्योंकि यहां...
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