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आलू की कमी: ममता ने कृषि विपणन विभाग का प्रभार संभाला

कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शहर के खुदरा बाजारों में आलू की कमी से उत्पन्न स्थिति से निबटने के तौर तरीके को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार की तेज हो रही आलोचना के मद्देनजर आज अस्थायी रूप से राज्य कृषि विपणन विभाग प्रभार संभाल लिया। राज्य के वित्त मंत्री अमित मित्रा, मुख्य सचिव संजय मित्रा तथा वरिष्ठ सरकारी एवं पुलिस अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद ममता ने संवाददाताओं से...

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न्याय की नई मरीचिका- विकास नारायण राय

जनसत्ता 7 नवंबर, 2013 : स्त्रियों के उत्पीड़न का एक और क्षेत्र कानून की गिरफ्त में आने को है। पुरुष वर्चस्व के नजरिए से बेहद नाजुक ‘इज्जत’ के नाम पर होने वाली हत्या का मसला फिलहाल उच्चतम न्यायालय के रडार पर है। अगर यौनिक हिंसा, लैंगिक उत्पीड़न का सर्वाधिक अपमानजनक रूप रही है तो ‘इज्जत’ हत्याएं इसका सर्वाधिक बर्बर रूप होती हैं। इसी तरह, घरेलू हिंसा में स्त्री का दासत्व...

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सिंगुर में जमीन का चयन ही गलत था: पार्थ चटर्जी

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उद्योग मंत्री पार्थ चटर्जी ने आज कहा कि सिंगुर में अब बंद पड़ चुके टाटा मोटर्स कार संयंत्र के लिए जमीन का चयन ही गलत था और आशा की कि अदालत लोगों का पक्ष सुनेगी। चटर्जी ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘जिस तरह से सिंगुर की जमीन चिह्नित की गई वह गलत था। (पिछली वाम मोर्चा) सरकार द्वारा गलती की गई। ’’ पिछली वाममोर्चा सरकार ने नैनो...

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हर किसी के हिस्से है मुट्ठी भर आसमान-पुष्यमित्र

दुमका की वंदना के पास जन्म से ही पूर्ण विकसित हाथ नहीं हैं, मगर उसके दोनों पैर न सिर्फ दुनिया में रंग बिखेर रहे हैं बल्कि वह इन्हें पैरों से कंप्यूटर ऑपरेटर की नौकरी कर अपना जीवन भी चला रही है. जमशेदपुर की रंजू नेत्रहीन है, लिखित परीक्षा पास करने के बावजूद झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन ने उसे अधिकारिक स्तर की नौकरी के काबिल नहीं समझा था. मगर आरटीआइ के जरिये...

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दलित-प्रश्न और मीडिया- उर्मिलेश

जनसत्ता 25 अक्तूबर, 2013 : ‘नो वन किल्ड जेसिका’, सिर्फ एक शानदार अखबारी शीर्षक नहीं था। अपराध-दंड प्रक्रिया में व्याप्त विसंगतियों को उद्घाटित कर वह एक जन-अभियान का नारा बन गया, जिसने अंतत: कामयाबी हासिल की। लेकिन मध्य बिहार के लक्ष्मणपुर-बाथे में मारे गए दलित-उत्पीड़ित तबके के अट्ठावन लोगों के बारे में लंबे इंतजार के बाद नौ अक्तूबर को पटना उच्च न्यायालय का जो फैसला आया, उसके बाद ऐसी आवाजें...

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