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जनसंख्या में हो रही बढ़ोतरी को धीमा करने के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ाना होगा

विश्व जनसंख्या दिवस पर UNDESA की रिपोर्ट आती है. रिपोर्ट वैश्विक जनसंख्या वृद्धि के बारे में अनुमान लगती है. 15 नवंबर, 2022 तक विश्व की जनसंख्या बढ़ कर 8 बिलियन हो जाएगी साथ ही वर्ष 2023 में भारत चीन को पछाड़ते हुए दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा.  रिपोर्ट आने के साथ ही जनसंख्या वृद्धि का मुद्दा फिर से आमजन की बातचीत का विषय बन गया. इसी रिपोर्ट...

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जानिए क्यों एनजीटी ने महाराष्ट्र पर लगाया 12,000 करोड़ का जुर्माना

डाउन टू अर्थ, 12 सितम्बर   नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने महाराष्ट्र पर 12,000 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। गौरतलब है कि एनजीटी ने यह जुर्माना तरल अपशिष्ट, सीवेज और लम्बे समय से जमा कचरे का ठीक से निपटान न करने के लिए लगाया है। कोर्ट के आदेशानुसार इस राशि को अगले दो महीनों के भीतर जमा करना है, जिसे पर्यावरण की बहाली के लिए खर्च किया जाएगा। कोर्ट के अनुसार राज्य...

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भारत की जमीन पर फिर लौटेगा चीता, बेताबी से इंतजार

अमर उजाला, 12 सितम्बर चीते की वापसी की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है और भारत एक बार फिर जमीन के सबसे तेज जानवर का बेताबी से इंतजार कर रहा है, जिसकी गुर्राहट कभी समूचे देश के जंगलों में गूंजती थी। 17 सितंबर को चीते भारत में लौटेंगे। जल्द ही चीता मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में विचरण कर रहा होगा। भारत में चीतों के न रहने के लिए पथ-निर्धारण,...

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स्वच्छ गंगा निधि: कहां तक पहुंची बात

न्यूजलौंड्री,12 सितम्बर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में से एक गंगा नदी की सफाई भी है. साल 2014 में सरकार बनते ही ‘नमामि गंगे योजना’ की शुरुआत हुई जिसका उद्देश्य गंगा को स्वच्छ बनाने के साथ ही उसके प्राचीन गौरव को वापस लाना है. इस योजना के तहत गंगा की सफाई के लिए करीब 20 हज़ार करोड़ रुपए का बजट जारी किया गया था. 2014-15 में ही मोदी सरकार...

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वेदांता ने गोवा में अपने लौह निर्माण प्लांट चलाने के लिए पर्यावरण क़ानूनों को ताक़ पर रख दिया है

द वायर, 12 सितम्बर भारत में पर्यावरण की रक्षा के लिए दर्जनों नियम और कानून हैं, साथ ही एक पर्यावरण मंत्रालय, केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और पर्यावरण मामलों के लिए एक विशेष अदालत, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल भी हैं. फिर भी एक अरब डॉलर की कंपनी को एक दशक तक प्रदूषण को नियंत्रित करने में विफल रहने और गलत रिपोर्ट देने के बावजूद उसके लौह निर्माण के काम का विस्तार...

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