राजधानी दिल्ली में बीते दिनों एक सांसद और उसकी पत्नी पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने घरेलू कामगार को मौत के घाट उतार दिया है. यही नहीं, कुछ पिछड़े राज्यों से देश की राजधानी में आकर घरेलू कामकाज करनेवाली महिलाओं पर अत्याचार की कहानियों से तो हम आये दिन दो-चार हो रहे हैं. क्यों होती हैं ऐसी घटनाएं, देश में घरेलू कामगारों के लिए किस तरह का है माहौल, क्या...
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मनरेगा में खत्म करें बिचौलियों की भूमिका : हेमंत
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में मनरेगा में मस्टर रोल बनाने से लेकर मजदूरी के भुगतान में काफी दिक्कतें हैं. सरकार का प्रयास होना चाहिए कि मनरेगा मजदूरों का समय पर भुगतान हो और इसकी प्रक्रिया सरल की जाये. मनरेगा और वृद्धावस्था पेंशन के भुगतान में बिचौलियों की भूमिका कम करने की भी जरूरत है. रोजगार सेवकों की भूमिका भी सीमित की जाये. खेतिहर मजदूरों को किसान...
More »पिछड़े राज्यों को हक देना केंद्र का दायित्व- प्रो संजीव बजाज
झारखंड बने 13 साल से अधिक हो चुके हैं, पर यह आज भी अति पिछड़े राज्यों की गिनती में आता है. किसी भी राज्य के विकास में केंद्रीय सहायता का विशेष योगदान होता है. झारखंड में केंद्रीय सहायता की अपर्याप्त मात्र की वजह से आधारभूत संरचनाओं के निर्माण को गति नहीं मिल पायी. झारखंड के निर्माण के समय भी राज्य में आधारभूत संरचनाओं की अत्यधिक कमी थी. साथ ही राज्य शिक्षा, स्वास्थ्य,...
More »विकास में केंद्रीय सहायता जरूरी- सतीशचंद्र झा
राज्य का विकास कैसे हो, यह वहां की सरकार की प्रतिबद्धता से जुड़ा होता है. बिहार विकास के मामले में देश के अन्य राज्यों से पीछे है. लेकिन पिछले कुछ वर्षो से इसमें बदलाव आया है. बिहार और झारखंड को विकास के लिए विशेष दरजा दिया जाना चाहिए. बिहार सरकार की यह मांग जायज भी है, क्योंकि झारखंड अलग होने के बाद बिहार में संसाधन नहीं के बराबर रह गये. इसके...
More »झारखंड में प्रतिदिन 50 नवजातों की मौत
रांची: यूनिसेफ झारखंड के प्रमुख जॉब जकारिया ने कहा है कि अभी राज्य में प्रतिदिन पचास नवजात शिशुओं की जन्म के पहले महीने में (जन्म के 28 दिनों के अंदर) ही मौत हो जाती है. साल भर में 19000 नवजात शिशु मरते हैं. हालांकि पिछले एक दशक के मुकाबले शिशुओं की मौत में कमी आयी है. वर्ष 2000 में साल भर में 31,000 नवजात शिशु की मौत होती थी. नवजात...
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