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ग्रामीण अर्थव्यवस्था कैसे संभली रही?- पाणिनी आनंद

ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...

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वर्ष 2020 तक शत-प्रतिशत साक्षरता का लक्ष्य

नई दिल्ली। उच्च शिक्षा में छात्रों की नामांकन दर में वृद्धि को एक बड़ी चुनौती करार देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बुधवार को कहा कि 2020 तक शत-प्रतिशत साक्षरता दर हासिल करना और नामांकन दर को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने की प्रतिबद्धता को अमलीजामा पहनाने के लिए एकजुटता से काम करने और भारी निवेश की जरूरत है। इस उद्देश्य के लिए स्कोप के तत्वावधान में सार्वजनिक क्षेत्र की कपंनियों [पीएसयू] के...

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मध्याह्न भोजन में छिपकली मिली, सौ बच्चे बीमार

हजारीबाग। कटकमसांडी प्रखंड के मध्य विद्यालय कंडसार में बुधवार को मध्याह्न भोजन खाने से करीब सौ बच्चे बीमार हो गए। इनमें 25 बच्चों का इलाज सदर अस्पताल हजारीबाग व अन्य का इलाज कंडसार स्थित स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया। बताया जाता हे कि भोजन में छिपकली गिर गई थी, जिस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। घटना की खबर पाते ही आरडीडीई सीके त्रिपाठी, डीईओ तुलसी दास ने विद्यालय पहुंचकर मामले की जांच की। उन्होंने...

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गरीबी के कारण छोड़ देते हैं 21 फीसदी बच्चे पढ़ाई

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। तमाम दावों व वादों के प्रचार-प्रसार से देश में पढ़ाई-लिखाई की तस्वीर भले ही आकर्षक लगने लगी हो, लेकिन जमीनी हकीकत ज्यादा नहीं बदली है। आलम यह है कि सरकार चाहकर भी सभी बच्चों में पढ़ाई के प्रति रुचि पैदा करने में नाकाम रही है। तमाम दावों के बीच देश के 21 प्रतिशत बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ देने की मुख्य वजह अब भी उनकी गरीबी है। देश में पढ़ाई...

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स्कूलों को प्यास-अंधेरे ने जकड़ा

देहरादून। सूबे के प्राइमरी से लेकर माध्यमिक के सैकड़ों स्कूलों को 'प्यास और अंधेरा' जकड़े हुए है। हजारों छात्र-छात्राओं पर गरमी ही नहीं, हर मौसम भारी गुजरता है। 12 हजार स्कूलों में बिजली का उजाला नहीं तो 1800 स्कूल प्यासे हैं। स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं के आंकड़े गवाही दे रहे हैं कि नौनिहालों के बहुमुखी विकास से सूबे की शिक्षा करीबी रिश्ता कायम करना तो दूर, कोसों दूर नजर आ रही है। प्राइमरी से...

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