हालांकि केंद्र सरकार ने मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाले मजदूरी को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने की बात मान ली है, फिर भी वह इस मामले में संविधानप्रदत्त न्यूनतम मजदूरी देने में संकोच कर रही है जबकि देश के कई सूबों में अब भी मनरेगा के अन्तर्गत दी जाने वाली मजदूरी न्यूतम मजदूरी से कम है। सरकार का तर्क है कि न्यूनतम मजदूरी दी गई तो बढ़ा हुआ वित्तीय...
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अनपढ़ रखने की साजिश!
जयपुर. भाजपा राज में गरीब बच्चों की पढ़ाई के प्रति आकर्षित करने के लिए नगर निगम द्वारा शुरू किए गए ‘हॉल इन द वॉल’ प्रोजेक्ट की सभी इकाइयों पर दलीय राजनीति के चलते ताले लग गए। इस प्रोजेक्ट को संचालित करने वाले एनजीओ हाईवेल ने करार खत्म होने के बाद बोरिया-बिस्तर समेट लिया। नगर निगम के संबंधित अधिकारी-कर्मचारी जब प्रोजेक्ट का संचालन नहीं कर पाए तो सभी इकाइयां बंद कर दीं। अब...
More »यूआईडी के 100 दिन, गांव में कुछ नहीं बदला
मुंबई प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सितंबर में आदिवासी टेंभली गांव से यूनिक आइडेंटिटी (यूआईडी) कार्ड की आधार योजना का शुभारंभ किया था। उस वक्त इस गांव के विकास के बड़े-बड़े वादे किए गए थे, लेकिन तीन महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी यहां कुछ नहीं बदला है। महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में स्थित इस गांव के 274 परिवारों में से 40 परिवार...
More »टमाटर के नुकसान से सरकार अनजान
रायपुर.प्रदेश में टमाटर की फसल करीब 80 फीसदी बर्बाद हो चुकी है, किसान बेहाल हैं, लेकिन सरकार को इसकी खबर ही नहीं है। प्रदेश सरकार ने केंद्र से किसानों के लिए जो विशेष पैकेज मांगा है उसमें टमाटर का जिक्र तक नहीं है। हाल में हुई बारिश से प्रदेश में किसानी को हुए नुकसान का आकलन करने की जिम्मेदारी राजस्व विभाग को दी गई थी। ऐसे में उद्यानिकी विभाग ने अपनी ओर से...
More »नर्मदा का नाद -- मेधा पाटकर
विश्व की प्राचीनतम संस्कृतियों में से एक नर्मदा घाटी आज भी समृद्ध प्रकृति के लिए मशहूर है. घाटी में नदी किनारे पीढ़ियों से बसे हुए आदिवासी तथा किसान, मजदूर, मछुआरे, कुम्हार और कारीगर समाज प्राकृतिक संसाधनों के साथ मेहनत पर जीते आए हैं. इन्हीं पर सरदार सरोवर के साथ 30 बड़े बांधों के जरिये हो रहे आक्रमण के खिलाफ शुरू हुआ जन संगठन नर्मदा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले 25...
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