संघर्ष की बानगी बन चुकीं इरोम शर्मिला भले ही अपने विरोध का तरीका बदल रही हों लेकिन मानवाधिकार और आंतरिक सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में यह बहस अभी बाकी है कि क्या अफस्पा (सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम) में संशोधन किया जाना चाहिए? अफस्पा को स्थायी रूप से हटा देने के लिए वर्ष 2000 में इरोम ने जो अनशन प्रारंभ किया वह आज तक चालू है, लेकिन अब वे अपने विरोध...
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देश के मुद्दे और मीडिया की जंग -- मिहिर भोले
मीडिया की दो दिग्गज हस्तियों बरखा दत्त और अर्नब गोस्वामी के बीच छिड़ी घोषित-अघोषित जंग आज-कल चरचा में है. दोनों ही देश के एकसमान प्रतिष्ठित और लोकप्रिय पत्रकार हैं. दोनों की अपनी-अपनी फैन-फॉलोइंग है. बरखा लिख रही हैं और अपने लिए वैचारिक समर्थन जुटाने के लिए ट्वीट भी कर रही हैं. दूसरी ओर अर्नब बिना नाम उछाले अपने शो में बरखा की सोच का जोरदार प्रतिवाद करते जा रहे...
More »रूढ़ियों को तोड़ रहीं डिजिटल महिलाएं-- ओसामा मंजर
पिछले दिनों मेरी मुलाकात लिपिका से हुई। वह असम के सोनापुर की हैं। स्कूली शिक्षा के लिए उन्हें जद्दोजहद तो करनी ही पड़ी, कॉलेज में दाखिला लेने के लिए भी माता-पिता को खूब मनाना पड़ा। कुछ वर्षों पहले उनकी नजर सामुदायिक सूचना संसाधन केंद्र (सीआईआरसी) पर पड़ी। यह सीखने की उनकी ललक है कि आज वह उस केंद्र की कंप्यूटर प्रशिक्षक हैं। वह कहती हैं, मेरी मां ने बताया था...
More »अबॉर्शन लॉ भारत में हर 10 में से 7 महिलाएं नहीं सहमत
भारत के 20 सप्ताह वाले वर्तमान अबॉर्शन लॉ से हर 10 में से 7 महिलाएं सहमत नहीं हैं। यह जानकारी फ्रांस की एक कंपनी द्वारा करवाए गए ऑनलाइन शोध में सामने आई है। इसमें 70% ने कहा कि महिला जब चाहे उसे गर्भपात की इजाजत होनी चाहिए। हालांकि 30 फीसदी इसके खिलाफ हैं। यह अध्ययन 23 देशों में ऑनलाइन किया गया। इसका मकसद इस मुद्दे पर वैश्विक राय जानना था।...
More »टीवी एंकरों की बढ़ती ताकत! --- आकार पटेल
क्या हमारे देश में टेलीविजन एंकर बहुत ज्यादा ताकतवर हो गये हैं? मैं तो हां कहूंगा, खासकर टाइम्स नाउ के अर्नब गोस्वामी जैसे अंगरेजी के एंकर. यहां टेलीविजन एंकरों को ताकतवर कहने से मेरा तात्पर्य है कि वे रोजाना की बहस और महत्वपूर्ण बातों को प्रभावित कर सकते हैं. यह ताकत प्रिंट और इंटरनेट के बड़े पत्रकारों के पास नहीं है. मेरा यह भी कहना है कि अर्नब गोस्वामी जैसे...
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