आज युवा बेरोजगारी की बात तो लगभग हर कोई करता है लेकिन महिला रोजगार की बात बहुत कम लोग ही करते हैं। महिलाओं को काम के लिए प्रेरित करने के तो कई तरीके हैं। यह बात उनके अपने लिए भी बहुत फायदेमंद रहेगी और उनके परिवार के लिए भी। हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने ध्यान केंद्रित करने के लिए जिन 10 क्षेत्रों की रूपरेखा तय की...
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टूटा सपना: कच्चे घर ने छोड़ा साथ तो शौचालय को बनाना पड़ा आशियाना
रायपुर। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को घर दिलाने के सपने पर पलीता लग रहा है। लोग घर के इंतजार में थक चुके हैं। कइयों के घर एक साल पहले गिर चुके हैं, मरम्मत के लिए पैसे नहीं होने से वे अब खुले आसमान तले जिंदगी बसर करने पर मजबूर हैं। मानवता को झकझोरने वाला मामला राजधानी से लगे धरसींवा ब्लॉक के ग्राम नेऊरडीह में आया है। शिवदास गेडरे का...
More »पढ़ाई का परिदृश्य-- कालू राम शर्मा
हम आज भी मैकाले को खलनायक के रूप में याद करते नहीं थकते हैं। अंगेजों के राज में एक खास प्रकार की शिक्षा-व्यवस्था रची गई थी, जो तब अंग्रेजी राज की जरूरतों के मुताबिक थी। आजादी पाने के पहले ही गांधीजी उस शिक्षा-व्यवस्था से न केवल व्यथित थे, बल्कि उनमें एक आक्रोश था और इसका उन्होेंने हल भी खोजा कि शिक्षा ऐसी हो जो देश की सामाजिक स्थिति और यहां...
More »खाद्य सुरक्षा पर रस्साकशी-- रविशंकर
अर्जेंटीना के ब्यूनस आयर्स में आयोजित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की ग्यारहवीं मंत्रिस्तरीय बैठक बिना किसी नतीजे के समाप्त हो गई। इसमें हिस्सा ले रहे देश खाद्य व कृषि सबसिडी को लेकर आम राय नहीं बना सके। क्योंकि अमेरिका व अन्य विकसित देश बहुपक्षीय व्यापार संस्था के सदस्यों द्वारा सार्वजनिक खाद्य भंडारण के मसले का स्थायी समाधान खोजने की अपनी प्रतिबद्धता से मुकर गए। भारत और उसके साथ खड़े डब्ल्यूटीओ...
More »बढ़ती अशांति और भ्रांति से बेचैन - मृणाल पांडे
साल 2017 समाप्ति पर है, लेकिन नई सदी के उपजाए सरदर्द घट नहीं रहे। पाकिस्तान में हर दो-तीन महीनों के भीतर कट्टरपंथी गुट उदारवादी लोकतांत्रिक मूल्यों को मानव बम से उड़ा रहे हैं। म्यांमार में बौद्ध बहुसंख्य जनता द्वारा रोहिंग्या मुस्लिमों को जबरन भेड़-बकरियों की तरह देश से बाहर हांक दिया गया है और वे हर पड़ोसी देश की सीमा पर बेघर बने डांय-डांय डोल रहे हैं। पहले से ही...
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